दुर्ग (छत्तीसगढ़)। दोस्ती के रिश्ते को कंलकित किए जाने के एक मामले में अदालत द्वारा आरोपी अधेड़ को 10 साल के कारावास से दंडि़त किया गया है। अधेड़ ने अपने दोस्त की बेटी पर ही नियत खराब कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि पीडि़त युवती आरोपी के मित्र की पुत्री होने के कारण उसकी पुत्री के समान है। उसके साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध व सम्मति के बिना शारीरिक संबंध बनाना समाज को प्रभावित करने वाला गंभीर अपराध है। इसलिए अभियुक्त को परिवीक्षा अधिनियम के उदार प्रावधानों का लाभ दिया जाना न्यायासंगत नहीं होगा। यह फैसला न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक पूजा मोगरी ने पैरवी की थी।
रिश्ते को कलंकित किए जाने का यह मामला खुर्सीपार थाना क्षेत्र का है। आरोपी जितेन्द्र मंडल (55 वर्ष) पीडि़त युवती के पिता को दोस्त था। जिसके कारण उसका प्राय: पीड़ित के घर आना जाना था और पीडि़त युवती उसे अंकल संबोधित करती थी। घटना दिनांक 1 मई 2019 की शाम युवती घर में अकेली थी। मां-बहन गृहग्राम और पिता काम से बाहर गए हुए थे। घर का कूलर खराब को सुधारने के लिए युवती ने अंकल जितेन्द्र को घर बुलाया था। कुलर ठीक करने के बाद जितेन्द्र ने युवती को गन्ना का जूस पिलाया। घर में खाना बचा होने के कारण युवती ने जितेन्द्र को खाना खाकर जाने कहा था। खाना खाने के बाद जितेन्द्र ने युवती को मोबाइल पर अश्लील फिल्म दिखाकर शारीरिक अश्लील छेडख़ानी की। जिसके बाद उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। जितेन्द्र के घर से जाने के बाद युवती ने फोन पर इसकी जानकारी अपने पिता को दी। जिसके बाद खुर्सीपार थाना में शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत व युवती के चिकित्सकीय परीक्षण के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 376 के तहत कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट टे्रक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश मधु तिवारी ने आरोपी को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने अभियुक्त जितेन्द्र मंडल को दफा 376 के तहत 10 वर्ष कारावास व 2000 रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। अर्थदंड़ की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को 2 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। मामले के आरोपी जितेन्द्र मंडल को पुलिस ने 3 मई 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद से मामले पर फैसला सुनाए जाने तक आरोपी जेल में ही निरुद्ध है।
