दुर्ग (छत्तीसगढ़)। स्कूल से लौट रहीं बालिका के साथ अनाचार का प्रयास किए जाने के मामले में न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी करार दिया गया है। इस मामले में आरोपी युवक को 7 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला अदालत ने सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) शुभ्रा पचौरी की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
मामला कुम्हारी थाना क्षेत्र का है। आरोपी 26 वर्षीय महेश निषाद मूल रुप से ग्राम कुरुद, कुटैला (आरंग) का निवासी है। महेश कुम्हारी थाना क्षेत्र के एक ईटभट्ठा में मजदूरी का काम करता था। 19 मार्च 2018 को ग्राम की लगभग 11 वर्ष की बालिका अपने छोटे भाई बहन को साथ स्कूल से वापस घर लौट रही थी। इसी दौरान रास्ते में महेश ने उसे रोक लिया और भाई को जान से मारने की धमकी देकर सूने स्थान पर ले गया। जहां उसके कपड़े उतार कर अनाचार करने का प्रयास करने लगा। इसी दौरान एक चरवाहें की नजर उस पर पड़ गई। जिस पर वह मौके से भाग गया। बाद भी ईटभट्ठा मुंशी के सहयोग से आरोपी को पकड़ा गया। इस मामले की शिकायत पीडि़त के पिता ने पुलिस में की थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जुर्म दर्ज कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचार फास्ट टे्रक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश ने आरोपी महेश निषाद को बालिका के साथ अनाचार का प्रयास करने का दोषी पाया। जिस पर अभियुक्त को दफा 376 (क)(ख) – 511 के तहत 7 वर्ष के कारावास व 5000 रु. के अर्थदंड़ से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है।
