दुर्ग (छत्तीसगढ़)। 16 फरवरी से फास्टैग अनिवार्य होने के बाद टोल पर बढ़ी हुई दरों से वसूली को लेकर दुर्ग ट्रक मालिक संघ द्वारा आपत्ति जाहिर की गई है। इस वसूली को लगभग एक माह पूर्व टोल संचालक कंपनी के साथ हुए समझौते का उल्लंघन ट्रक मालिक संघ ने बताया है। विरोध स्वरुप पहले दिन बिना टोल अदा किए ट्रकों को टोल प्लाजा से रवाना किया गया। वहीं इस संबंध में प्रशासन, पुलिस व विधायक को ज्ञापन सौंप कर इस विवाद का निराकरण किए जाने की मांग संघ के पदाधिकारियों द्वारा की गई है। एसडीएम खेमलाल वर्मा ने इस संबंध में बताया कि नेशनल हाइवे द्वारा निर्धारित प्रावधनों के अनुसार स्थानीय कमर्शियल वाहनों को 50 प्रतिशत छूट प्रदान किए जाने का प्रावधान है, लेकिन ट्रक मालिक संघ द्वारा इससे अधिक की रियायत की मांग की जा रही है। फास्टटैग के साफ्टवेयर में इससे अधिक की छूट का प्रावधान नहीं होने के कारण यह संभव नहीं है।
दुर्ग ट्रक मालिक संघ अध्यक्ष गुरदीप सिंह (राजा) ने बताया कि पिछली 20 जनवरी की सीएसपी की मध्यस्था में टोल टैक्स की पूर्व निर्धारित दर से 60 से 70 प्रतिशत से अधिक टैक्स की अदायगी पर सहमति टोल प्लाजा संचालक कंपनी से बनी थी। इस सहमति के लगभग एक माह पश्चात ही टोल प्लाजा संचालक द्वारा अब इस दर से ट्रकों की टोल से निकासी पर असहमति जाहिर कर दी गई है। उन्होंने बताया कि समझौते के अनुसार स्थानीय पंजीयन वाली 10 पहिया ट्रकों से 110 रु. का टोल टैक्स वसूली किए जाने की सहमति बनी थी, लेकिन अब टोल प्लाजा कंपनी द्वारा फास्टैग का हवाला देकर 300 रु. टोल टैक्स वसूला जा रहा। जिसका विरोध ट्रक मालिक संघ द्वारा किया जा रहा है। इस समस्या का निराकरण करने जिला प्रसाशन, पुलिस व शहर विधायक को संघ की ओर से ज्ञापन भी सौंपा गया। उन्होंने कहा है कि समस्या का जल्द निराकरण नहीं होने पर विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है।
