दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग को शादी का झांसा देकर परिजनों की अनुमति के बिना भगाकर ले जाने और उससे शारीरिक संबंध बनाए जाने के एक मामले में अदालत द्वारा फैसला सुनाया गया है। आरोपी को कुल 18 साल के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला दिया गया है। वहीं इस मामले में आरोपी को सहयोग प्रदान करने वाले आरोपी को भी दंडि़त किया गया है। आरोपियों पर कुल 48 हजार रु. का अर्थदंड से दंडि़त किया गया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी की अदालत में आज सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
मामला उतई थाना क्षेत्र के एक ग्राम का है। ग्राम की 17 वर्ष की किशोरी से आरोपी सतीश यादव (23 वर्ष) का प्रेम प्रसंग था। किशोरी 12 अगस्त 2018 की रात लगभग 12.30 घर से गायब हो गई। काफी पतासाजी करने पर किशोरी के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिलने परिजनों द्वारा पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस पड़ताल में किशोरी को प्रेमी सतीश की बुआ के सूने घर से 15 अगस्त 2018 को बरामद किया गया। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि सतीश यादव उसे शादी करने का वादा कर साथ लाया था। बुआ के घर में उसकी मांग में सिंदूर भरा और दो दिनों तक शारीरिक संबंध बनाए। किशोरी ने यह भी बताया कि वह आरोपी के साथ उसके दोस्त मनीष साहू की मोटर सायकल पर सवार होकर घर में भागी थी। इस मामले में पुलिस ने सतीश व मनीष के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेज दिया था।
2 माह की गर्भवती थी किशोरी
किशोरी की बरामदगी के बाद कराए गए चिकित्सकीय परीक्षण में उसके 2 माह के गर्भ से होने की जानकारी मिली। जिसके संबंध में किशोरी बताया कि उसके घर से भागने के कुुछ माह पूर्व भी प्रेमी सतीश ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए थे।
न्यायालय ने मुख्य आरोपी को किया कारावास से दंडि़त
प्रकरण के मुख्य आरोपी सतीश यादव को न्यायालय ने अवयस्क युवती के साथ बार बार शारीरिक संबंध बनाने तथा उसके अभिभावकों की सहमति के बिना भगाकर ले जाने का दोषी करार दिया। अभियुक्त सतीश यादव को दफा 376 (2)(एन)के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास व 25 हजार रु. अर्थदंड़ तथा दफा 363, के तहत 3 वर्ष कारावास व 3 हजार रु. अर्थदंड तथा दफा 366 के तहत 5 वर्ष कारावास व 5 हजार रु. अर्थंदड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।
सहयोगी को 15 हजार का अर्थदंड
मामले में किशोरी के घर भागने में मदद करने वाले आरोपी मनीष साहू को भी अदालत ने दंडि़त किया है। मनीष को दफा 363, 366 के तहत न्यायायिक अभिरक्षा में बिताई गई अवधि के कारावास के साथ 363 के तहत 5 हजार व 366 के तहत 10 हजार रु. के अर्थदंड से दंडि़त किया गया है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त मनीष को 5 माह 10 दिन का कारावास भोगना होगा।
