दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नन्हीं बच्ची के सामने बुरी नीयत से कपड़े उतार कर प्राइवेट पार्ट का प्रदर्शन किए जाने के मामले में अदालत द्वारा आरोपी को कुल 6 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) स्मिता रत्नावत की अदालत में शनिवार को सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला नंदनी थाना क्षेत्र का है। घटना दिनांक 4 अगस्त 2019 की शाम पीडि़त चार वर्ष की मासूम घर में सो रही थी। इसी दौरान पडौस का युवक नरोत्तम कुर्रे (27 वर्ष) उसके घर पहुंचा और अपने नीचे के वस्त्र उतार दिए। साथ ही बच्चीं के वस्त्रों को भी वह उतारने लगा था। इसी दौरान घर में बर्तन मांज रही बच्चीं की मां मौके पर पहुंची और युवक को इस हालत मेें देख कर फटकार लगाई। जिस पर युवक ने उनसे गाली-गलौच की और जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। जिसके बाद मामले की शिकायत नंदनी थाना में की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 451, 354, 294 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण तृतीय फास्ट ट्रेक में किया गया। विशेष न्यायाधीश स्मिता रत्नावत ने प्रकरण पर विचारण पश्चात माना कि पीडि़त द्वारा देखे जाने के उद्देश्य से स्वंय के शरीर का प्राइवेट पार्ट प्रदर्शित कर पीडि़त के एकांतता का अतिक्रमण कर, लज्जा का अनादर कर, लैंगिक उत्पीडऩ कारित किया है। मामले में अभियुक्त नरोत्तम कुर्रे को घर में जबरिया प्रवेश करने तथा स्वयं को निर्वस्त्र कर पीडि़त की एकांतता का दोषी करार दिया। अभियुक्त को दफा 451 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास व 1000 रु. अर्थदंड़ तथा पॉक्सों एक्ट की धारा 12 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास व 2000 रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।
