उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने का कारण भारी तबाही होने की जानकारी सामने आई है। ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचने की खबर है। इसमें कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा नदी और धौलीगंगा नदी में हिमस्खलन और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आसपास बसे लोगों को हटाया जा रहा है। कई घरों के बहने की आशंका भी जताई जा रही है। साथ ही जोशीमठ के करीब बांध टूटने की भी खबर है।

चमोली जिले के तपोवन इलाके में रविवार को ग्लेशियर फटने की यह हादसा हुआ है। आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य के लिए पहुंच गए हैं। एनडीआरएफ की टीमें गाजियाबाद से चमोली के लिए भेजी जा रही हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रातः अचानक जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा। पानी तूफान के आकार में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले गया। श्रृषिगंगा में आई बाढ़ के पानी के वेग को देखते हुए रैणी और तपोवन कस्बों में लोग दहशत में आ गए हैं। माना जा रहा है कि यह हादसा गर्मी के दिनों में होता तो भारी तबाही होती।
चमोली जिले के तपोवन इलाके में रैणी गांव में बिजली परियोजना पर हिमस्खलन के बाद धौलीगंगा नंदी में जलस्तर अचानक बढ़ गया है। निचले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊपरी इलाकों में भेजा जा रहा है। ग्लेशियर फटने से हुई तबाही को देखते हुए श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत अन्य जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है। चमोली के जिला प्रशासन की ओर से अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
