दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रेम प्रसंग के चलते नाबालिग को उसके परिजनों की सहमती के बिना साथ ले जाने के आरोपी युवक को जेल में निरुद्ध अवधि की सजा से दंडि़त किया गया है। आरोपी मामले में गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में निरुद्ध था। इस मामले में किशोरी ने अपनी मर्जी से युवक के साथ जाने और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने की जानकारी अदालत को दी। जिसके बाद आरोपी को किशोरी बहलाफुसला कर भगाकर ले जाने और जबरिया शारीरिक संबंध बनाने के आरोप से दोष मुक्त कर दिया गया है। यह फैसला न्यायाधीश अविनाश कुमार त्रिपाठी की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
फोन पर हुई पहचान से हुआ था प्यार
मामले का आरोपी जगदीश धाकड़ (22 वर्ष) रायसेन जिले के ग्राम सीराबाड़ा मुरलीधर (बरेली) का निवासी है। किशोरी के मोबाइल पर जगदीश से अंजाने में लग गया था। जिसके बाद दोनों में प्राय: मोबाइल पर बातें होने लगी थी। इसी दौरान जगदीश ने उससे प्यार का इजहार करते हुए शादी का प्रस्ताव रखा। जिसे किशोरी ने स्वीकार लिया। जिसके बाद बुलावे पर किशोरी घर से निकल कर 7 अप्रैल 2017 को उसके साथ चली गई थी। जिसकी जानकारी किशोरी ने अपनी मां को फोन पर भी दी थी। किशोरी की गुमशुदगी की शिकायत उसकी मां ने 9 अप्रैल 2017 को सुपेला थाना में दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने पतासाजी कर किशोरी को आरोपी के साथ भिलाई नगर रेल्वे स्टेशन से 25 मई 2017 को बरामद किया था। दोनों भिलाई घूमने आए थे। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ नाबालिग को उसके परिजनों की इच्छा के विरुद्ध साथ ले जाने और जबरिया शारीरिक संबंध बनाए जाने की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद से आरोपी प्रकरण पर अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध है।
शादी के बाद मर्जी से बनाए शारीरिक संबंध
किशोरी ने न्यायालय को बताया कि उसने जगदीश को स्वयं के बालिग होने की जानकारी दी थी और अपनी मर्जी से ही उसके साथ गई थी। साथ ही शादी बाद मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए। जिस पर न्यायालय ने आरोपी तो जबरिया शारीरिक संबंध बनाने के आरोप से दोष मुक्त करार दे दिया। न्यायालय ने आरोपी को किशोरी के नाबालिग के बावजूद उसके अभिभावकों के मर्जी के बिना साथ ले जाने के आरोप में दफा 363 के तहत दोषी करार दिया। आरोपी को जेल में निरुद्ध अवधि 3 वर्ष 8 माह 10 दिन के कारावास तथा 500 रु. अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है।
