नई दिल्ली। राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के संपन्न होने के साथ उच्च सदन में विपक्ष के मुकाबले बीजेपी नीत एनडीए की शक्ति और बढ़ गई है। भाजपा के पास राज्यसभा में अब 86 सीटें और कांग्रेस के पास महज 41 सीटें हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सदस्यों की संख्या अब 245 सदस्यीय सदन में लगभग 100 पहुंच गई है। यदि अन्नाद्रमुक (09), बीजद (09), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (06) जैसे दलों का समर्थन और कई संबद्ध नामांकित सदस्यों का समर्थन गिना जाता है तो मोदी सरकार के समक्ष राज्यसभा में किसी प्रकार की चुनौती नहीं है।
चुनाव आयोग ने 61 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव कराने की घोषणा की थी। जिनमें से 55 सीटों पर मार्च में चुनाव होना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें देरी हुई। पहले ही 42 सदस्य निर्विरोध चुने गये थे और शुक्रवार को 19 सीटों पर हुए चुनाव में से बीजेपी ने आठ सीटों, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस ने चार-चार सीटों और तीन अन्य ने जीत दर्ज की। मध्य प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस के कई विधायकों के दलबदल के कारण बीजेपी ने अपनी संख्या के बल पर कुछ और सीटें जीतीं।
चुनाव में बीजेपी ने 17, कांग्रेस ने नौ, बीजेपी के सहयोगी जद(यू) ने तीन, बीजद और तृणमूल कांग्रेस ने चार-चार, अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने तीन-तीन, राकांपा, राजद और टीआरएस ने दो-दो और शेष सीटें अन्य ने जीतीं। इन 61 नये सदस्यों में से 43 पहली बार चुने गये है जिनमें बीजेपी के ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं। दोनों लोकसभा के सदस्य थे लेकिन 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।