प्रवासी मजदूरों के लिए लागू रोजगार योजना में केंद्र सरकार कर रही राज्यों के बीच भेदभाव, स्वाभिमान मंच ने लगाया आरोप, 25 को देंगे धरना

दुर्ग (छत्तीसगढ़)।छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने केंद्र सरकार द्वारा घर वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिये घोषित की गई योजना के लाभ से छत्तीसगढ़ को वंचित करने की कड़ी निंदा की है। मंच ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार के खगड़िया से योजना को लागू करना इस बात का संकेत है कि बिहार चुनाव में लाभ उठाने की नियत के साथ 50 हजार करोड़ की योजना का अधिकतम लाभ बिहार के प्रवासी मजदूरों को दिया गया है।
मंच की बैठक में रोजगार योजना में राज्यों के साथ भेदभाव और पक्षपात करने के लिये केंद्र की आलोचना करते हुए कहा गया है कि लगभग 4 लाख मजदूर छत्तीसगढ़ वापस लौटे हैं मोदी सरकार को उन सभी राज्यों को वापस लौटे मजदूरों की संख्या के आधार पर योजना का लाभ देना चाहियेह
मंच की बैठक में छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार द्वारा सरकारी भूमि बेचने संबंधी निर्णय का विरोध करते हुए कहा गया है कि पहले से ही शहरी क्षेत्रों में लाखों हेक्टेयर जमीन छत्तीसगढ़ियों के आधिपत्य से बाहर हो गई है। सरकारी जमीन को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित रखने के बजाय बेचने का निर्णय अनुचित है। छत्तीसगढ़ की भावी पीढ़ी का हक छीनने का सरकार को कोई अधिकार नहीं है। बघेल सरकार को जमीन बेचने का निर्णय तत्काल वापस लेना चाहिये।
मंच की बैठक में इन मुद्दों पर 25 जून को 10 से 12 बजे तक विरोध में प्रदेश भर में “वर्चुअल धरना प्रदर्शन” करने का निर्णय लिया गया है। मंच के कार्यकर्ता अपने निवास स्थलों में हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन में शामिल होंगे। बैठक में मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार गुप्त, प्रदेश महासचिव पूरन लाल साहू, युवा स्वाभिमान मंच के प्रदेश संयोजक रऊफ खान, मुश्ताक हाशमी, दिनेश्वर साहू, देवप्रकाश तिवारी, रवि ठाकुर, शुभम रंगारी, निखिल सोनकर उपस्थित थे ।