रायपुर (छत्तीसगढ़)। झारखंड राज्य के लोहारदग्गा जिले की सरनाटोली इंटभट्टा में बंधक बनाए गए जिले की श्रमिक दंपत्ति को सकुशल छुड़ा लिया गया है। जिला प्रशासन की विशेष पहल पर श्रमिकों को वापस लाकर आज उनके गांव धोबनीडीह, बिलाईगढ़ में क्वारंटाइन कर दिया गया है। कोरोना के भयजनक माहौल और बंधक के हालात से मुक्ति मिलने पर श्रमिक एवं उनके परिवार जनों में खुशी का माहौल है।
बलौदाबाजार जिले के श्रम पदाधिकारी तेजस चन्द्राकर ने आज यहां बताया कि मामला बिलाईगढ़ तहसील के गांव धोबनीडीह का है। आवेदक रामलाल महिलाने ने जिला कलेक्टर को आवेदन देकर अपने पुत्र बाबूलाल और पुत्रवधु राधाबाई को बंधक के हालात से छुटकारा दिलाकर सकुशल घर वापसी के लिए निवेदन किया। उन्होंने बताया कि उनके पुत्र और पुत्रवधु ईंट-भट्ठा में कमाने खाने झारखंड गए थे। लोहरदग्गा जिले के सरनाटोली में निजी ठेकेदार रविकुमार के यहां ईंट बनाने का काम कर रहे थे। इस बीच कोरोना संकट आन पड़ा। वे लोग अपने ग्राम धोबनी डीह आना चाहते थे। लेकिन ठेकेदार ने उन्हेंआने नहीं दिया। मज़दूरी भी नहीं दिया और प्रताड़ित करने लगा। उन्होंने अपने परिजनों के जरिये जिला प्रशासन बलौदाबाजार तक सूचना पहुँचाई। जिला कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने मामले को गंभीरतापूर्वक सुलझाया। उन्होंने लोहरदग्गा के जिला कलेक्टर से सीधे चर्चा कर श्रमिक दम्पति को छुड़वाया और उन्हीं के वाहन से जिला मुख्यालय बलौदाबाजार तक छोड़ने का अनुरोध किया। लोहरदग्गा प्रशासन की टीम ने मंगलवार की रात छुड़ाये गए श्रमिक दम्पति-बाबूलाल एवं राधाबाई महिलाने को ले आकर रात में ही जिला प्रशासन एवं श्रम विभाग को सौंप दिया। श्रम विभाग ने लोहारदगा प्रशासन को महत्वपूर्ण सहयोग के लिए आभार प्रकट किया है। छुड़ाये गए श्रमिक दम्पति को उनके ग्राम धोबनीडीह ले जाकर क्वारंटाइन कर दिया गया है। सरपंच और उनके परिजनों को इनका ख्याल रखने कहा गया है।