कोरोना संक्रमण के बीच बांस के कलात्मक गहने बनाकर आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

रायपुर (छत्तीसगढ़)। पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी के संकट के दौर से गुजर रहा है। लॉकडाउन की वजह से लोगों के रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ा है। वहीं स्वसहायता समूहों की महिलाएं विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं। धमतरी जिले के नगरी विकासखण्ड के जबर्रा और धमतरी विकासखण्ड के ग्राम छाती की स्वसहायता समूहों की महिलाएं इन दिनों बांस से आकर्षक व कलात्मक गहने तैयार कर रही हैं। इसके लिए महिलाओं को अधिक खर्च भी नहीं करना पड़ता। महिलाओं द्वारा आसानी से अपने गांव, बाड़ी के बांस और परम्परागत औजार का उपयोग कर बांस के हस्तनिर्मित गहने बनाएं जा रहे हैं जिसमें झुमके, टॉप्स, चूड़ी, हार आदि शामिल हैं। बैम्बू क्राफ्ट के तहत निर्मित इन आकर्षक गहनों की मांग भी अब धीरे-धीरे बढ़ रही है।
धमतरी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत ने बताया कि जिला प्रशासन की पहल पर महिलाओं को बांस से गहने तैयार करने का प्रशिक्षण आर्य प्रेरणा समिति के माध्यम से दिया जा रहा है। साथ ही संस्था द्वारा गहनों की मार्केटिंग और प्रबंधन में भी महिलाओं का सहयोग किया जा रहा है। बांस से बने गहनों का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया के अलावा अन्य माध्यमों से किया जा रहा है जिसका बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। बांस से हस्तनिर्मित, इको फ्रेंडली स्वदेशी राखी बनाने की भी योजना पर समिति द्वारा कार्य किया जा रहा है। संस्था समन्वयक मोहित आर्य ने बताया कि जल्दी इस प्रोडक्ट को मार्केट में पूरी तैयारी के साथ लांच किया जाएगा।