दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्लॉट पर मौजूद 33 के.व्ही. विद्युत पोल हटाने के लिए विद्युत कंपनी द्वारा संस्थान से बड़ी रकम बतौर शुल्क जमा कराया गया। इसके बावजूद न तो पोल को हटाया गया और नहीं जमा की गई रकम को वापस किया गया। इस प्रकरण को जिला उपभोक्ता फोरम ने सेवा में कमी मानते हुए विद्युत कंपनी को हर्जाना अदा करने का आदेश दिया गया है।
जुग महादेव एजुकेशनल सोसायटी के सचिव सुशील चंद्राकर ने उपभोक्ता फोरम के समक्ष ये परिवाद दायर किया था। परिवाद में बताया गया था कि कि पुलगांव चौक पर उनके संस्थान द्वारा निर्माण कराए जा रहे कालेज के प्लॉट से 33 के.वी. पोल लगा हुआ है, जिसके ऊपर से हाईवोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन गुजरती है। पत्र व्यवहार करने पर छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने कहा कि 5,54,076 रुपये भुगतान करने पर पोल को प्लॉट से हटा दिया जाएगा। जिस पर सहमत होते हुए परिवादी ने 31 मार्च 2008 को 5,54,076 रुपये भुगतान कर दिया। परंतु संपूर्ण राशि प्राप्त होने के बाद भी अनावेदकों द्वारा ना तो 33 के.वी. पोल को हटाया गया और ना ही राशि वापस की गई। इस बाबत लगातार पत्राचार किया गया परंतु अनावेदकगण ने कोई जवाब नहीं दिया।
प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम ने इसे सेवा में कमी और व्यवसायिक दुराचरण की श्रेणी में माना। उपभोक्ता फोरम ने छत्तीसगढ़ राज्य पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड एवं छत्तीसगढ़ राज्य पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के पद्मनाभपुर दुर्ग कार्यालय के कार्यपालन यंत्री एवं सहायक अभियंता पर 6 लाख 5 हजार 76 रुपये हर्जाना अधिरोपित किया है। जिसके तहत परिवादी की जमा राशि 554076 रुपये के साथ मानसिक परेशानी की क्षतिपूर्ति स्वरूप 50000 रुपये तथा वाद व्यय 1000 रुपये का भुगतान करना होगा। , साथ ही जमा राशि पर 31 मार्च 2008 से 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा।