छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक, मुख्यमंत्री बघेल ने जताया शोक

रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी के निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने जोगी के निधन पर राज्य में आज से तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई भी शासकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे। स्वर्गीय जोगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कल 30 मई को गौरेला में होगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने शोक संदेश में कहा है कि जोगी का निधन छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने प्रदेश के विकास में जोगी के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि राज्य बनने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के तीव्र विकास की रूपरेखा तैयार की और एक कुशल राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के रूप में राज्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।  उन्होंने कहा कि जोगी ने छत्तीसगढ़ राज्य में गांव, गरीब और किसानों के कल्याण के लिए काम करने की दिशा निर्धारित की।
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राध्यापक  के रूप कैरियर की शुरूआत की। पहले आई.पी.एस. के रूप में अपनी सेवाएं दी तत्पश्चात भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान रायपुर सहित कई जिलों के कलेक्टर रहे। श्री जोगी सांसद, विधायक भी रहे। एक नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य बना तो वे राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने।
9 मई को उन्हे नारायणा हास्पिटल में दाखिल कराया गया था। दिल का दौरा पडऩे के कारण हॉस्पिटल में भर्ती अजीत जोगी की हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। बाद में इलाज के दौरन ही वे कोमा में चले गए। कोमा से बाहर लाने के लिये डॉक्टरों ने अंतिम समय तक पूरे प्रयास किए। पिछले 48 घंटों में उन्हें दो बार दिल का दौरा पड़ा और आज अजीत जोगी की नाजु़क हालत को देखते हुए परिवार की सहमति से उन्हेें जीवन रक्षक इंजेक्शन लगाया गया लेकिन उससे भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं आया। निधन के वक्त उनकी धर्मपत्नी डा.रेणु जोगी,पुत्र अमित जोगी हास्पिटल में मौजूद थे।
कल शनिवार को जोगी जी का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे सागौन बंगला रायपुर से बिलासपुर मरवाही सदन 11 बजे पहुँचेगा। वहां सेकोटा रतनपुर केंदा मार्ग होते हुवे उनके गृह ग्राम जोगिसार से गौरेला के पैतृक जोगी निवास पहुचने के बाद सेनेटोरियम (मरवाही विधानसभा) में अंतिम संस्कार किया जाएगा।। लाक डॉउन के नियमो का पालन किया जाएगा।

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