अधिकारियों व कर्मचारियों ने की वेतन वृद्धि रोकने का आदेश वापस लेने की मांग, दी आंदोलन की चेतावनी

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अधिकारी व कर्मचारी कोरोना से उपजे आर्थिक संकट के हालातों के मद्देनजर सरकार द्वारा वेतन वृद्धि रोकने के फैसले से आहत हैं। उनका कहना है कि संक्रमण और जान के खतरे के बाद भी काम कर रहे श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के बजाए वेतन वृद्धि रोकने का फैसला कर्मचारी विरोधी है। इसे जल्द वापस नहीं लिया गया तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन जिला ईकाई के पदाधिकारियों ने गुरुवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अधिकारियों व कर्मचारियों ने जल्द पक्ष में फैसला नहीं लेने पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करने व प्रदेश व्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय करने की बात कही है। फेडरेशन से संयोजक विजय लहरे ने बताया कि अन्य प्रदेशों में सरकारें कोरोना से संक्रमण में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को जोखिम भत्ता, असामयिक मृत्यु पर अनुग्रह राशि दे रही है। इसके विपरीत प्रदेश सरकार कर्मचारियों को हक से वंचित कर रही है। उन्होंने कहा कि फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश के अधिकारियों व कर्मचारियों ने स्वेच्छा से एक दिन का वेतन दिया है। ऐसे में वेतन वृद्धि रोकने का फैसला अनुचित है। ज्ञापन सौंपने वालों में फेडरेशन से जुड़े दर्जनभर से ज्यादा संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे।