Bhilai Nagar Nigam garbage vehicle scam: नगर निगम में कचरा संग्रहण के लिए खरीदी गई ई-पिकअप गाड़ियों की कीमत को लेकर गंभीर अनियमितता सामने आई है। आरोप है कि बाजार में लगभग 1.5 लाख रुपये की ई-पिकअप गाड़ी को कागजों में 9 लाख रुपये बताया गया।
📊 23 ई-पिकअप ट्रकों की खरीदी पर संदेह
जानकारी के मुताबिक, भिलाई नगर निगम द्वारा कुल 23 ई-पिकअप कचरा गाड़ियां खरीदी गईं। इन गाड़ियों का उपयोग घर-घर कचरा संग्रहण के लिए किया जाना था।
लेकिन जब दस्तावेजों की जांच हुई, तो कीमतों में भारी अंतर सामने आया, जिसने पूरे खरीदी प्रक्रिया को संदेह के घेरे में ला दिया।
💸 कागजों में बढ़ाई गई कीमत, जमीन पर सस्ती गाड़ी?
सूत्रों का कहना है कि जिन ई-पिकअप ट्रकों की वास्तविक लागत करीब 1.5 लाख रुपये बताई जा रही है, उन्हें फाइलों में 6 से 9 लाख रुपये तक दर्शाया गया।
अगर यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपये के घोटाले की ओर इशारा करता है।
🏛️ जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि:
- खरीदी प्रक्रिया किसके निर्देश पर हुई?
- तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति कैसे दी गई?
- क्या बाजार मूल्य का तुलनात्मक परीक्षण किया गया?
स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि बिना मिलीभगत के इतनी बड़ी कीमतों का अंतर संभव नहीं है।
🗣️ जनता में नाराज़गी, भरोसे पर चोट
भिलाई शहर के नागरिकों का कहना है कि नगर निगम पहले ही संसाधनों की कमी का हवाला देता रहा है। ऐसे में अगर Bhilai Nagar Nigam garbage vehicle scam जैसे मामले सामने आते हैं, तो यह शासन-प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़े करता है।
भिलाई नगर निगम में सामने आया यह कचरा गाड़ी घोटाला सिर्फ वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि जनविश्वास के साथ धोखा है। अब निगाहें प्रशासन और जांच एजेंसियों पर टिकी हैं कि क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या मामला फाइलों में दब जाएगा।
