Raigarh Elephant Calf Death की यह घटना छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से सामने आई है, जहां पानी में डूबने से एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई। यह मामला रायगढ़ वन मंडल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बंगुरसिया सर्किल का है।
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की।
🐘 6 माह का था हाथी का बच्चा
मिली जानकारी के अनुसार, बडझरिया गांव के एक तालाब में कल शाम हाथियों का एक दल पानी पीने और नहाने के लिए पहुंचा था। इसी दौरान करीब 6 माह के हाथी के बच्चे का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया।
तालाब में डूबने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
😢 चिंघाड़ते रहे हाथी, गांव में मचा हड़कंप
घटना के बाद तालाब के आसपास मौजूद हाथियों की चिंघाड़ने की आवाजें देर शाम तक सुनाई देती रहीं। आवाजें सुनकर ग्रामीणों में दहशत फैल गई, लेकिन हिम्मत जुटाकर कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी।
🌿 हाथियों ने ही निकाला बच्चे का शव
ग्रामीणों के अनुसार, गांव के आसपास करीब 30 हाथियों का दल विचरण कर रहा था। बच्चे की मौत के बाद—
- हाथियों ने खुद ही तालाब से शव को बाहर निकाला
- कुछ समय तक वहीं रुके
- और फिर आज सुबह जंगल की ओर चले गए
इसके बाद ही वन विभाग की टीम को सुरक्षित तरीके से शव तक पहुंचने का मौका मिला।
🚨 वन विभाग ने कराया पोस्टमार्टम
वन विभाग की टीम ने मृत हाथी के बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि—
- मौत का कारण स्पष्ट रूप से डूबना प्रतीत हो रहा है
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी
साथ ही, इलाके में हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
🌏 मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक और तस्वीर
Raigarh Elephant Calf Death की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि जंगलों के सिमटने और मानव बस्तियों के नजदीक आते वन्यजीवों के बीच संतुलन कितना नाजुक हो गया है।
रायगढ़ जिले में हाथी के बच्चे की मौत न केवल वन विभाग के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह घटना वन्यजीव संरक्षण और ग्रामीण सतर्कता की जरूरत को भी रेखांकित करती है। अब सभी की निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वन विभाग की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
