Chhattisgarh Voter List SIR Controversy। छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR – Special Intensive Revision) को लेकर राजनीतिक तापमान तेज़ी से बढ़ गया है। वोटर लिस्ट से लाखों नाम हटने की खबरों ने आम मतदाताओं से लेकर राजनीतिक दलों तक को चिंता में डाल दिया है। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताते हुए निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं।
27 लाख नाम कटने की खबर से बढ़ी चिंता
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने दावा किया है कि राज्य में कुल 2 करोड़ 12 लाख से अधिक मतदाताओं में से करीब 27 लाख नाम मतदाता सूची से बाहर किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में नाम हटना केवल आंकड़ों का मामला नहीं, बल्कि लाखों नागरिकों के मताधिकार से जुड़ा सीधा सवाल है।
उन्होंने कहा कि हर वोट लोकतंत्र की नींव है और यदि बिना पर्याप्त सत्यापन के नाम हटाए गए, तो यह व्यवस्था पर गहरा आघात होगा।
निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया पर कांग्रेस के सवाल
कांग्रेस का आरोप है कि SIR की प्रक्रिया अत्यधिक जल्दबाज़ी में पूरी की जा रही है। विकास उपाध्याय ने पूछा कि—
- क्या सभी मतदाताओं को पर्याप्त अवसर दिया गया?
- क्या घर-घर सत्यापन निष्पक्ष तरीके से हुआ?
- और क्या पारदर्शिता के सभी मानकों का पालन किया गया?
उनका कहना है कि जल्दबाज़ी में की गई कोई भी प्रक्रिया संदेह को जन्म देती है और लोकतांत्रिक विश्वास को कमजोर करती है।
BJP को लाभ पहुंचाने का आरोप
कांग्रेस ने सीधे तौर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि प्रक्रिया निष्पक्ष होती, तो इतने बड़े पैमाने पर नाम नहीं कटते। विकास उपाध्याय ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि SIR का फायदा सत्तारूढ़ दल को पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
सड़क से सदन तक आंदोलन का ऐलान
कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे को हल्के में नहीं लेगी। पार्टी ने सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने का ऐलान किया है। नेताओं का कहना है कि मताधिकार संविधान प्रदत्त अधिकार है और इससे वंचित करना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
निर्वाचन विभाग के प्रारंभिक आंकड़े क्या कहते हैं?
निर्वाचन विभाग के अनुसार, SIR प्रक्रिया अभी जारी है और 23 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची जारी की जाएगी। विभाग के मुताबिक संभावित रूप से 27 लाख 50 हजार 822 नाम विभिन्न कारणों से हट सकते हैं।
नाम कटने के प्रमुख कारण
- मृत्यु: 6,40,115
- स्थानांतरण: 14,26,212
- डुप्लीकेट नाम: 1,71,212
- पते पर नहीं मिले: 4,98,291
- अन्य कारण: 14,992
राजधानी रायपुर में सबसे ज्यादा असर
राजधानी रायपुर में SIR का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। जिले के 18.92 लाख मतदाताओं में से करीब 4.94 लाख नाम कटने की संभावना जताई जा रही है। इसमें मृत्यु, स्थानांतरण और सत्यापन के दौरान पते पर न मिलने के मामले प्रमुख हैं।
SIR पर राजनीति और तेज होने के संकेत
कांग्रेस के तीखे आरोपों के बाद अब निगाहें निर्वाचन आयोग और भाजपा की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। आने वाले दिनों में SIR को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति और अधिक गरमाने के आसार हैं, जबकि आम मतदाता अपने नाम सुरक्षित रहने को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
