रायपुर।
Chhattisgarh Agriculture Award: कृषि के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बनाई है। औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ को ‘मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड 2025’ से सम्मानित किया गया है। यह उपलब्धि प्रदेश के किसानों की मेहनत, नवाचार और राज्य सरकार की दूरदर्शी कृषि नीति का प्रत्यक्ष परिणाम मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सम्मान को छत्तीसगढ़ की सशक्त कृषि नीति और प्रभावी प्रशासन की सफलता बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सतत कृषि, नवाचार और किसान-केंद्रित योजनाओं के साथ आगे बढ़ रही है। यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ के किसान पारंपरिक खेती से आगे निकलकर लाभकारी और आधुनिक कृषि की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
औषधीय और सुगंधित खेती ने बदली किसानों की तस्वीर
राज्य सरकार द्वारा औषधीय एवं सुगंधित फसलों को बढ़ावा देने के लिए चलाई गई योजनाओं ने किसानों को नई दिशा दी है। इन फसलों की खेती से न केवल किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ आज इस क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
इन जिलों को मिला विशेष सम्मान
मुख्यमंत्री ने बताया कि मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया 2025 अवार्ड के अंतर्गत मुंगेली, धमतरी और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिलों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया है। निजी निवेश के माध्यम से आजीविका विकास और कृषि में प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए इन जिलों को यह सम्मान मिला है, जो योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को दर्शाता है।

किसानों के आत्मविश्वास को मिली नई उड़ान
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए किसानों, कृषि विभाग के अधिकारियों और संबंधित संस्थाओं को बधाई दी। साथ ही दोहराया कि राज्य सरकार की एग्रीकल्चर पॉलिसी अब जमीन पर असर दिखाने लगी है और किसान इसका प्रत्यक्ष लाभ महसूस कर रहे हैं।
कुल मिलाकर, यह राष्ट्रीय सम्मान छत्तीसगढ़ की खेती में हो रहे सकारात्मक बदलावों का प्रमाण है और यह बताता है कि सही नीति, नवाचार और किसानों की मेहनत मिलकर किसी भी राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है।
