प्रशिक्षण एवं ड्यूटी के बाद अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ आने वाले जवानों और अधिकारियों-कर्मचारियों को रहना होगा 14 दिन क्वारेंटीन

रायपुर (छत्तीसगढ़)। कोरोना वायरस (कोविड-19) के  संक्रमण की रोकथाम को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण एवं ड्यूटी के बाद अन्य राज्यो से छत्तीसगढ़ आने वाले जवानो, अधिकारियो एवं कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाईन के अनुरूप 14 दिन तक क्वारेंटिन में रखना अनिवार्य है। क्वारेंटिन का पालन किए जाने के संबंध में स्वास्थ सचिव निहारिका सिंह बारिक ने  पत्र लिखकर इस आशय से अवगत कराया है।

उन्होंने पुलिस महानिदेशक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) छत्तीसगढ़, महानिदेशक केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.) छत्तीसगढ़, महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) छत्तीसगढ़, अतिरिक्त महानिदेशक, इंडो तिब्बत सीमा पुलिस बल (आई.टी.बी.पी.) छत्तीसगढ़, अतिरिक्त महानिदेशक भारतीय थल सेना (इंडियन आर्मी) छत्तीसगढ़ सहित अतिरिक्त महानिदेशक सेवा चयन बोर्ड (एस.एस.बी.) छत्तीसगढ़ को इस संबंध में पत्र लिखा है।
जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी कर बचाव हेतु विभिन्न माध्यमों से सूचित किया गया है। इस संबंध आपके विभाग में कार्यरत अमलों के प्रशिक्षण-अवकाश-डयूटी व अन्य कार्यों से राज्य से बाहर जाने की जानकारी प्राप्त हो रही है। कार्यरत ऐसे समस्त अधिकारी-कर्मचारी जो अन्य राज्यों में प्रशिक्षण, अवकाश एवं अन्य कार्यो से जाने के उपरांत पुनः वापस आने पर 14 दिवस क्वारेंटीन किया जाना आवश्यक हैं।पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक जवानों और अधिकारी-कर्मचारी के बाहर से आते ही सर्वप्रथम जिला कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित करें तथा स्वास्थ्य जांच कराया जाए। विभाग में उपलब्ध प्रांगण में ही पृथक-पृथक कक्ष (टायलेट एवं बाथरूम सुविधा सहित) की व्यवस्था किया जाए, जिसमें अमलों को 14 दिन के क्वारेंटिन किया जा सके। क्वारेंटीन किए गए अमलों की प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच चिकित्सकों से कराया जाए। किसी भी प्रकार के कोविड-19 संबंधी लक्षण जैसे-तीव्रबुखार, खांसी, सर्दी होने पर तत्काल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को सूचना दी जाए। विभागीय चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक के माध्यम से जांच करायी जा सकती है। क्वारेंटीन किए गए अमलों को क्वारेंटीन अवधि में स्वल्पाहार, भोजन, जल आदि अनिवार्य रूप से डिस्पोजल, प्लेट तथा गिलास में ही प्रदाय किया जाए तथा उपयोग के बाद इसे सुरक्षित स्थान पर निपटान किया जाए। क्वारंेंटीन में निवासरत व्यक्तियों के कपड़े चादर, पर्दे व अन्य वस्त्र की धोने की व्यवस्था अलग से किया जाए तथा वह कपड़े अन्य कपड़ों से पृथक रखा जाए। 
क्वारेंटीन सेंटर में कार्यरत सफाई कर्मियों तथा भोजन वितरण करने वाले  कर्मचारियों को कार्य अवधि में सुरक्षा हेतु ग्लोब्स, मास्क अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए तथा उन्हें इन सामग्रियों का उपयोग किए जाने हेतु निर्देशित भी किया जाए। पत्र में यह भी कहा गया है कि चिकित्सकीय जांच के पश्चात उत्पन्न जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निपटान के लिए जैव चिकित्सा अपशिष्ट नियम 2016 का पालन अनिवार्य रूप से कराया जाए।

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