रायपुर | सरोंना ट्रेंचिंग ग्राउंड में सरकार की सख्ती
CG News: रायपुर के सरोंना ट्रेंचिंग ग्राउंड में वर्षों से जमा लाखों टन कचरे के निपटान में हो रही देरी अब सरकार की गंभीर चिंता बन गई है। आम लोगों के स्वास्थ्य और खारून नदी पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।
इसी क्रम में 18 दिसंबर को उपमुख्यमंत्री अरुण साव के नेतृत्व में सरकार की पूरी टीम ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंची और मौके पर हालात का जायजा लिया।
20 साल पुराने कचरे की प्रोसेसिंग में भारी लापरवाही
सरोंना डंपिंग साइट में करीब 20 साल पुराना कचरा जमा है, जिसे बायो-रिमिडिएशन प्रक्रिया से निपटाया जाना था।
हालांकि, जिम्मेदार कंपनी की लेटलतीफी के कारण यह प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो सकी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कचरे की वजह से भूजल दूषित हो चुका है और बदबू व बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। पास से बहने वाली खारून नदी को भी प्रदूषण से बचाना अब बेहद जरूरी हो गया है।
डिप्टी CM अरुण साव का सख्त अल्टीमेटम
डिप्टी CM अरुण साव ने मौके पर मौजूद अधिकारियों और कंपनी प्रतिनिधियों से एक-एक मुद्दे पर चर्चा की।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि—
31 मार्च 2026 तक हर हाल में सभी प्रकार के कचरे का निपटान पूरा होना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तय समय सीमा में काम पूरा नहीं हुआ, तो
👉 पेनाल्टी
👉 कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई
👉 और ठेका निरस्त तक की कार्रवाई की जा सकती है।
अधिकारियों की मौजूदगी में हुई समीक्षा बैठक
निरीक्षण के दौरान
- रायपुर महापौर मीनल चौबे,
- नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस.,
- नगर निगम और पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी
मौजूद रहे।
करीब एक घंटे तक चली बैठक में कचरा प्रोसेसिंग की प्रगति, पर्यावरणीय प्रभाव और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
स्पष्ट संदेश: लापरवाही अब नहीं चलेगी
डिप्टी CM ने दो टूक कहा कि
जनस्वास्थ्य और पर्यावरण से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
सरोंना ट्रेंचिंग ग्राउंड का मामला अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि जनहित का मुद्दा बन चुका है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सरोंना ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरा प्रोसेसिंग को लेकर सरकार की यह सख्ती आने वाले समय में रायपुर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। अब देखना होगा कि तय समयसीमा में कंपनी इस चुनौती पर खरी उतरती है या नहीं।
