📍 वडोदरा | अपराध समाचार
Vadodara Fraud Case: वडोदरा में Detection of Crime Branch (DCB) ने एक बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन लोगों ने एक शहर निवासी को सस्ते दाम पर सोना दिलाने और 10 करोड़ रुपये का बैंक लोन दिलाने का लालच देकर करीब 5 करोड़ रुपये की ठगी की।
कैसे रचा गया करोड़ों की ठगी का जाल
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भावेश परमार और नयना महिदा के रूप में हुई है। दोनों पुराने पादरा रोड स्थित कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में चल रहे दो फाइनेंस फर्म कार्यालयों से यह ठगी का खेल चला रहे थे।
आरोपियों ने शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया कि वे उसे बाजार से कम कीमत पर सोना उपलब्ध करा सकते हैं। इस झांसे में आकर पीड़ित ने इस साल की शुरुआत में 4.61 करोड़ रुपये उन्हें सौंप दिए।
लेकिन न तो सोना मिला और न ही रकम वापस की गई।
10 करोड़ के लोन के नाम पर अलग से वसूली
जांच में सामने आया कि पीड़ित को 10 करोड़ रुपये का बैंक लोन दिलाने का भी वादा किया गया था।
इस प्रक्रिया के नाम पर विशाल बराड़ नामक एक अन्य आरोपी ने 31 लाख रुपये एडवांस के रूप में लिए। पुलिस का कहना है कि विशाल बराड़, नयना महिदा से जुड़ा हुआ है।
गिरोह में हिस्ट्रीशीटर भी शामिल
DCB की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस गिरोह का एक सदस्य इलियास अजमेरी है, जो पहले से ही हिस्ट्रीशीटर बताया जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की तलाश के दौरान मिली पुख्ता सूचना के आधार पर भावेश परमार और नयना महिदा को गिरफ्तार किया गया।
दो दिन की रिमांड, और पीड़ितों की तलाश
DCB ने दोनों आरोपियों की दो दिन की पुलिस रिमांड हासिल की है।
पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई लोगों को इसी तरह ठग चुका है। पूछताछ के दौरान अन्य पीड़ितों और गिरोह के बाकी सदस्यों का पता लगाया जाएगा।
यह मामला एक बार फिर बताता है कि सस्ते सोने और बड़े लोन के लालच में लोग कैसे संगठित ठगों का शिकार हो जाते हैं।
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी फाइनेंस स्कीम या लोन ऑफर से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल जरूर करें।
