CG Employee News | 16 दिसंबर 2025
रायपुर Chhattisgarh government employees strike। छत्तीसगढ़ में शासकीय कर्मचारियों का असंतोष एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेशभर के शासकीय कर्मचारी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिवसीय हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुके हैं।
इस प्रस्तावित आंदोलन को लेकर कर्मचारियों के बीच हलचल तेज है और विभिन्न विभागों में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
🏛️ इंद्रावती भवन में हुई रणनीतिक बैठक
Chhattisgarh government employees strike: हड़ताल की तैयारियों के तहत छत्तीसगढ़ संचालनालयीन शासकीय कर्मचारी संघ की ओर से 13 दिसंबर को रायपुर स्थित इंद्रावती भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तय की गई और पदाधिकारियों की अलग-अलग टीमें गठित की गईं।
ये टीमें प्रदेश के विभिन्न विभागों और कार्यालयों में जाकर कर्मचारियों को—
- आंदोलन के उद्देश्य
- हड़ताल की तिथियों
- और आगामी कार्यक्रमों
की जानकारी देंगी, ताकि आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल सके।
📋 इन 11 प्रमुख मांगों को लेकर होगा आंदोलन
कर्मचारी संगठनों ने सरकार के सामने अपनी मांगें स्पष्ट रूप से रखी हैं—
- केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों व पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।
- डीए एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
- सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान का लाभ मिले।
- वेतन विसंगतियों के समाधान हेतु पिंगुआ समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
- प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए और पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
- सहायक शिक्षकों व सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान मिले।
- अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण किया जाए।
- प्रदेश में कर्मचारियों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू की जाए।
- अर्जित अवकाश नगदीकरण की सीमा 300 दिवस की जाए।
- दैनिक, अनियमित एवं संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए ठोस नीति बने।
- सभी विभागों में समानता रखते हुए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए।
⚠️ हड़ताल से पहले समाधान की अपील
कर्मचारी संगठनों ने राज्य सरकार से अपील की है कि हड़ताल की स्थिति बनने से पहले ही मांगों पर सकारात्मक निर्णय लिया जाए।
उनका कहना है कि यदि समय रहते समाधान नहीं निकला, तो तीन दिन की हड़ताल से शासन-प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार संवाद के जरिए रास्ता निकालेगी और आंदोलन की नौबत नहीं आएगी।
