रायपुर, 13 दिसंबर 2025: किसानों के लिए बड़ा फैसला
Tuhar Token App 24×7: प्रदेश के किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने तूहर टोकन ऐप को 24×7 खोलने का अहम निर्णय लिया है। अब मोबाइल एप से टोकन काटने के लिए किसी तय समय की बाध्यता नहीं रहेगी। किसान दिन-रात, कभी भी और अपनी सुविधा के अनुसार टोकन बुक कर सकेंगे।
यह निर्णय खासतौर पर उन किसानों के लिए राहत लेकर आया है, जिन्हें तय समय में टोकन लेने में तकनीकी दिक्कतों और भीड़ का सामना करना पड़ता था।
⏰ अब 13 जनवरी तक मिलेंगे अगले 20 दिनों के टोकन
नई व्यवस्था के तहत किसान 13 जनवरी तक अगले 20 दिनों के लिए टोकन ले सकेंगे।
इससे किसानों को:
- धान विक्रय की बेहतर योजना बनाने का समय मिलेगा
- समितियों में भीड़ कम होगी
- सर्वर और तकनीकी दबाव की समस्या से राहत मिलेगी
Tuhar Token App 24×7 व्यवस्था से टोकन प्रक्रिया अब ज्यादा सरल और सुगम हो गई है।
🌾 लघु किसानों को विशेष राहत, 31 जनवरी तक समय
राज्य सरकार ने 2 एकड़ एवं 2 एकड़ से कम रकबा वाले किसानों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें 31 जनवरी तक तूहर टोकन ऐप से टोकन लेने की सुविधा प्रदान की है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर लघु किसानों के लिए यह विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि कोई भी किसान धान विक्रय से वंचित न रहे।
🏪 सहकारी समितियों की सीमा में ही जारी होंगे टोकन
सरकार ने स्पष्ट किया है कि:
- टोकन प्रत्येक सहकारी समिति को आबंटित सीमा के भीतर ही जारी किए जाएंगे
- किसानों से आग्रह है कि वे समय रहते तूहर टोकन ऐप के माध्यम से टोकन प्राप्त करें
- अनावश्यक परेशानी से बचने के लिए अंतिम दिन का इंतजार न करें
🗣️ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संदेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा—
“किसानों की सुविधा और पारदर्शी व्यवस्था हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
तूहर टोकन ऐप को 24×7 खोलने और समय की बाध्यता समाप्त करने का निर्णय इसी सोच का परिणाम है।
अब किसान बिना किसी दबाव के, अपनी सुविधा अनुसार टोकन बुक कर सकेंगे।
2 एकड़ एवं 2 एकड़ से कम रकबा वाले किसानों के लिए अतिरिक्त समय सीमा वास्तविक राहत देगी।
राज्य सरकार किसान हित में हर संभव कदम उठाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है।”
🌱 पारदर्शी व्यवस्था की ओर मजबूत कदम
Tuhar Token App 24×7 व्यवस्था से स्पष्ट है कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से समझते हुए समाधान कर रही है।
यह कदम न सिर्फ धान खरीदी प्रक्रिया को आसान बनाएगा, बल्कि किसानों का समय, श्रम और भरोसा भी बचाएगा।
