छत्तीसगढ़ को मिली ऐतिहासिक पहचान: बिलासपुर का कोपरा जलाशय बना राज्य का पहला रामसर साइट

Kopra Reservoir Ramsar Site Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
बिलासपुर जिले स्थित कोपरा जलाशय को राज्य का पहला रामसर साइट घोषित किया गया है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ की समृद्ध जैवविविधता, पक्षी आवासों और जल-संरक्षण प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाता है।

इस घोषणा पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए गहरा हर्ष व्यक्त किया।


📌 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि—

“बिलासपुर जिले के कोपरा जलाशय को छत्तीसगढ़ का पहला रामसर साइट घोषित किया जाना पूरे प्रदेश के लिए अत्यंत गर्व और सम्मान का विषय है। यह हमारी जैवविविधता और सतत जल-संरक्षण प्रयासों की वैश्विक मान्यता है।”

उन्होंने इस उपलब्धि के लिए राज्य वेटलैंड प्राधिकरण, पर्यावरण विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और स्थानीय समुदायों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की और उनका हृदय से आभार जताया।


📌 अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरा कोपरा जलाशय

Kopra Reservoir Ramsar Site Chhattisgarh बनने के पीछे वर्षों की सतत मेहनत रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी विभागों और स्थानीय लोगों के सहयोग से कोपरा जलाशय ने अंतरराष्ट्रीय रामसर मानकों को पूरा किया, जिससे छत्तीसगढ़ को यह ऐतिहासिक पहचान मिली।

यह उपलब्धि राज्य की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।


📌 “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047” की दिशा में बड़ी सफलता

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह घोषणा
“छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047” के तहत वर्ष 2030 तक 20 वेटलैंड्स को रामसर साइट घोषित कराने के लक्ष्य की दिशा में एक प्रेरक कदम है।

यह सफलता न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का मजबूत आधार बनेगी।


📌 इको-टूरिज्म और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

रामसर दर्जा मिलने से:

  • प्रदेश में इको-टूरिज्म को नई गति मिलेगी
  • स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
  • वेटलैंड संरक्षण को लेकर जन-जागरूकता मजबूत होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और विकास अब एक-दूसरे के पूरक बनते जा रहे हैं।


📌 प्रदेशवासियों से मुख्यमंत्री की अपील

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा—

“यह अमूल्य प्राकृतिक धरोहर केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। इसके संरक्षण और संवर्धन में सभी को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।”

उन्होंने विश्वास जताया कि जनभागीदारी से छत्तीसगढ़ सतत विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।


पर्यावरण संरक्षण की नई पहचान

कोपरा जलाशय का रामसर साइट बनना छत्तीसगढ़ के लिए केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि
पर्यावरण संरक्षण, जैवविविधता और जल-सुरक्षा के प्रति राज्य की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

यह उपलब्धि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को पर्यावरणीय मानचित्र पर और सशक्त रूप से स्थापित करेगी।

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