पुतिन डिनर में राहुल गांधी को नहीं मिला निमंत्रण, शशि थरूर को बुलाने पर कांग्रेस में नाराज़गी बढ़ी

नई दिल्ली, 6 दिसंबर 2025। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष डिनर को लेकर देश की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। Focus keyphrase “Rahul Gandhi not invited to Putin dinner” ने आज पूरे दिन राजनीतिक बहस को दिशा दी।

कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को डिनर का निमंत्रण न देकर “परंपरा तोड़ी” है। वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर को आमंत्रित किए जाने से अंदरूनी असहजता और बढ़ गई है।

राहुल गांधी बोले—सरकार परंपरा से डरती है

Rahul Gandhi not invited to Putin dinner: राहुल गांधी ने एक दिन पहले ही आरोप लगाया था कि मोदी सरकार “असुरक्षा की भावना” में विपक्ष के नेताओं को पुतिन से मिलने नहीं देना चाहती। उनका कहना था कि सरकार जानबूझकर विपक्ष की भूमिका को कमजोर कर रही है।

उनका यह बयान ऐसे समय आया जब पुतिन भारत-दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता कर रहे हैं।

थरूर को बुलाया, लेकिन विपक्ष के शीर्ष नेताओं को नहीं

Rahul Gandhi not invited to Putin dinner: कांग्रेस सूत्रों ने पुष्टि की कि राहुल गांधी और खड़गे को निमंत्रण नहीं मिला, जबकि शशि थरूर को आधिकारिक रूप से डिनर में बुलाया गया।
थरूर ने भी आमंत्रण स्वीकार करने की बात कही।

हालांकि पार्टी के भीतर उनके इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का कड़ा बयान

प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा,
“निमंत्रण देने वालों पर भी सवाल हैं और निमंत्रण स्वीकार करने वालों पर भी। हमारी अंतरात्मा हमारी दिशा तय करती है। अगर हमें बुलाया जाता और हमारे शीर्ष नेताओं को नहीं, तो हम यह निमंत्रण स्वीकार नहीं करते।”

उनके बयान ने साफ कर दिया कि पार्टी के भीतर इस मुद्दे को लेकर नाराज़गी गहरी है।

कांग्रेस के भीतर शशि थरूर पर बढ़ती नाराज़गी

थरूर पिछले कुछ महीनों में कई मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व से अलग राय रखते दिखे हैं:

  • फ़रवरी में थरूर ने केरल में स्टार्ट-अप संस्कृति की तारीफ करते हुए एक लेख लिखा, जिस पर पार्टी की केरल इकाई भड़क गई थी।
  • हाल ही में उन्होंने वंशवाद पर लेख लिखकर कहा था कि राजनीतिक नेतृत्व “जन्मसिद्ध अधिकार” नहीं होना चाहिए।
  • उन्होंने यह भी लिखा कि वंशवाद भारतीय लोकतंत्र के लिए “गंभीर खतरा” है।

इन बयानों ने कांग्रेस के भीतर कई बार असहजता पैदा की है।

डिनर विवाद के राजनीतिक संकेत

विशेषज्ञों का मानना है कि “Rahul Gandhi not invited to Putin dinner” विवाद आने वाले सत्र में सरकार-विपक्ष के टकराव को और तेज कर सकता है।
डिनर आम तौर पर विदेश नीति से जुड़े सम्मानजनक अवसर माने जाते हैं, जहां विपक्ष की मौजूदगी एक लोकतांत्रिक परंपरा होती है।

इस बार निमंत्रण सूची में शीर्ष विपक्षी नेताओं का न होना राजनीति को नई दिशा देता दिख रहा है।

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