Lifetime Achievement Award भिलाई। मार्शल आर्ट्स की दुनिया में समर्पण और अनुशासन का प्रतीक बनी सेनसेई संगीता लाहिड़ी को इस वर्ष एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। शोटोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। यह सम्मान उनके लंबे प्रशिक्षण सफर, कराटे को आगे बढ़ाने के प्रति समर्पण और समाज में आत्मरक्षा की जागरूकता फैलाने के योगदान के लिए प्रदान किया गया।
यह सम्मान समारोह बनारस के सेठ जयपुरिया स्कूल में आयोजित ऑल इंडिया एसएसकेएफ कराते चैम्पियनशिप 2025 के दौरान हुआ, जो 29 और 30 नवंबर को सम्पन्न हुई। इस प्रतियोगिता में देशभर से 250 कराटे खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। सिहान आशीष भारद्वाज ने स्वयं मंच पर आकर सेनसेई संगीता लाहिड़ी को यह पुरस्कार प्रदान किया।
यह उपलब्धि पूरे आयोजन का आकर्षण बन गई और इसने Sensei Sangeeta Lahiri Lifetime Achievement Award को सुर्खियों में ला दिया।
पति से मिली प्रेरणा, कराटे को दिया जीवन
Sensei Sangeeta Lahiri Lifetime Achievement Award: सेनसेई संगीता लाहिड़ी की कहानी सिर्फ एक सम्मान की नहीं, बल्कि समर्पण और दृढ़ता की कहानी है। विवाह के बाद उन्होंने अपने पति, दिवंगत कराटे प्रशिक्षक शैबाल लाहिड़ी, से कराटे की प्रारंभिक शिक्षा ली।
शैबाल लाहिड़ी ने नियुद्ध सेल्फ डिफेन्स एंड एजुकेशनल सोसायटी की स्थापना की थी, जिसके माध्यम से उन्होंने सैकड़ों युवाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया।
आज संगीता लाहिड़ी उसी सोसायटी की अध्यक्षा हैं और अपने पति की इस विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।
उनका कहना है—
“अपने पति को श्रद्धांजलि देने का इससे अच्छा कोई तरीका नहीं हो सकता। कराटे सिर्फ खेल नहीं, बल्कि अनुशासन, चरित्र निर्माण और जीवन दर्शन है।”
मानवीय संवेदना से भरे इन शब्दों ने पूरे आयोजन में मौजूद खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को प्रेरित किया।
कराटे को बढ़ाने का संकल्प जारी
Sensei Sangeeta Lahiri Lifetime Achievement Award: संगीता लाहिड़ी वर्षों से भिलाई और आसपास के क्षेत्रों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण दे रही हैं। उनका लक्ष्य अधिक से अधिक युवाओं, विशेषकर बेटियों तक कराटे पहुँचाना है।
उनकी मेहनत से अनेक छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।
इसलिए Lifetime Achievement Award केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि उनके कराटे जीवन की सार्थक यात्रा का प्रमाण है।

प्रेरणा की मिसाल बनीं सेनसेई संगीता लाहिड़ी
भिलाई की यह कराटे प्रशिक्षक आज पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। उनका समर्पण, शिक्षा और निरंतर प्रयास आने वाली युवा पीढ़ी को मार्शल आर्ट्स की ओर आकर्षित कर रहा है।
यह सम्मान न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उन सभी छात्रों और प्रशिक्षकों के लिए गौरव का क्षण है जो कराटे को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जीवनशैली मानते हैं।
