दुर्ग में नशा कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई: पुलिस ने 2 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की

Durg drug trafficker property seizure। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत जिले की पुलिस ने नशे के कारोबार पर कड़ा शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में पुलिस ने Durg drug trafficker property seizure अभियान के तहत मादक पदार्थ सप्लायर नंदू कनौजिया और उसके पुत्र रोहित (गोपाल) कनौजिया की 2 करोड़ 1 लाख रुपए से अधिक मूल्य की चल–अचल संपत्ति कुर्क कर ली। यह कार्रवाई सफेमा कोर्ट, मुंबई के आदेश के आधार पर की गई।

सूचना के बाद शुरू हुआ अभियान

Durg drug trafficker property seizure: दुर्ग पुलिस को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि रुआबांधा निवासी नंदू कनौजिया और उसका पुत्र गोपाल अवैध रूप से गांजे की सप्लाई कर रहे हैं। दोनों पिता–पुत्र पर पहले भी लगातार कार्रवाई हो चुकी थी। पुलिस ने अलग-अलग समय पर छापेमारी करते हुए दोनों के खिलाफ 8 से ज्यादा NDPS मामलों में प्रकरण दर्ज किए थे।

इसके बावजूद दोनों चोरी-छिपे नशे का अवैध कारोबार जारी रखे हुए थे, जिससे पुलिस का संदेह और गहरा गया।

अवैध कमाई से बनाई करोड़ों की संपत्ति

विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि पिता–पुत्र ने अवैध गांजा व्यापार से काफी संपत्ति अर्जित की है। जांच में ये संपत्तियाँ सामने आईं—

  • मकान और दुकान: लगभग 70 लाख रुपए
  • दूसरे स्थान पर एक और मकान: लगभग 95 लाख रुपए
  • धनोरा में जमीन: 37 लाख रुपए
  • दुपहिया वाहन: 1.5 लाख रुपए
  • बैंक खातों में जमा: लाखों रुपए

ये सभी संपत्तियाँ उनकी अवैध गतिविधियों से अर्जित बताई गईं।

NDPS Act की धारा 68F के तहत संपत्ति जब्त

Durg drug trafficker property seizure: जांच पूरी होने के बाद दुर्ग पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए मामले को एनडीपीएस सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार को भेजा। कोर्ट ने NDPS Act की धारा 68F के तहत आरोपियों की संपत्तियों को अटैच और कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया।

इसके बाद पुलिस ने सभी चल–अचल संपत्तियों को विधिवत कुर्क कर लिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर अब कानून और भी कड़ा रवैया अपनाएगा।

जिले में नशे के खिलाफ सख्त संदेश

इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने स्पष्ट किया है कि दुर्ग जिले में मादक पदार्थों के कारोबार को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। Durg drug trafficker property seizure अभियान के तहत आगे भी ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

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