बस्तर में दिल दहला देने वाली घटना: परिवार ने 20 साल तक लड़की को कमरे में बंद रखा, अधिकारियों ने कराया रेस्क्यू

Bastar girl locked for 20 years: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक परिवार ने एक अनाथ लड़की को कथित तौर पर 20 साल तक एक कमरे में बंद रखा, क्योंकि उन्हें डर था कि मनचले उससे गलत हरकत कर सकते हैं। लड़की को जब कमरे से बाहर निकाला गया, तब उसकी हालत देखकर अधिकारियों तक का दिल दहल गया।


🌑 8 साल की उम्र से शुरू हुई कैद जैसी जिंदगी

Bastar girl locked for 20 years: सूत्रों के अनुसार, लड़की को केवल 8 साल की उम्र से कमरे में बंद कर दिया गया था। इतने लंबे समय तक अंधेरे में रहने और बाहरी दुनिया से कट जाने के कारण उसकी

  • आंखों की रोशनी प्रभावित हो गई,
  • और बोलने की क्षमता भी कमजोर पड़ गई है।

नाम पुकारने पर लड़की मुश्किल से ही जवाब दे पाती है, जो उसके टूटे हुए आत्मविश्वास और भय को दर्शाता है।


🏥 आश्रम की सिस्टर क्लेरिट ने बताई दर्दभरी स्थिति

Bastar girl locked for 20 years: जगदलपुर के करीब कोरचुली स्थित घरौंदा आश्रम की सिस्टर क्लेरिट ने बताया कि
20 साल तक लगातार अंधेरे कमरे में रहने से लड़की की आंखों और बोलने पर गहरा असर हुआ। हालांकि, अच्छी बात यह है कि अब वह धीरे-धीरे प्रतिक्रिया देने लगी है और सहारे से चल भी पा रही है।”


🏛️ कलेक्टर ने माना अपराध: मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला

Bastar girl locked for 20 years: बस्तर के कलेक्टर ने इसे आपराधिक लापरवाही, अवैध बंधन और मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मामला बताया है।
सामाजिक कल्याण विभाग इस पूरे मामले की जांच कर रहा है और परिवार से लगातार पूछताछ की जा रही है।

कलेक्टर ने कहा,
“जैसे ही जांच रिपोर्ट सामने आएगी, कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”


👥 परिवार का दावा: लड़की को मनचलों से बचाने के लिए किया बंद

Bastar girl locked for 20 years: परिवारवालों का कहना है कि पड़ोस में रहने वाला एक आदतन अपराधी लड़की पर बुरी नजर रखता था और उसके यौन उत्पीड़न का खतरा लगातार बना हुआ था।
डर के कारण उन्होंने बच्ची को घर से बाहर निकलने नहीं दिया और सालों-साल एक कमरे में कैद रखा।

हालांकि, अधिकारियों के मुताबिक यह डर बच्ची की जिंदगी को बर्बादी की ओर ले गया।


👁️ लड़की की सेहत: पूरी रोशनी लौटना मुश्किल

Bastar girl locked for 20 years: डॉक्टरों और आश्रम प्रबंधन का कहना है कि लड़की की आंखों की रोशनी पूरी तरह वापस आना मुश्किल है।
फिर भी, आशा की किरण यह है कि अब वह:

  • धीरे-धीरे बोलने की कोशिश कर रही है
  • सहारे से चल पा रही है
  • और बाहरी दुनिया को समझना सीख रही है

अधिकारियों और आश्रम की टीम उसके पुनर्वास पर लगातार काम कर रही है।


🧡 समाज में सवाल: सुरक्षा के नाम पर क्या किसी की जिंदगी रोक देना सही है?

Bastar girl locked for 20 years: यह घटना न केवल कानूनी, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा बड़ा प्रश्न भी खड़ा करती है—
क्या किसी लड़की की सुरक्षा का उपाय उसकी स्वतंत्रता छीनकर किया जा सकता है?

बस्तर की यह दर्दनाक कहानी समाज के सामने ऐसी कई कमजोरियों को उजागर करती है, जिन्हें सुधारने की जरूरत है।

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