RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, ‘गोल्डीलॉक्स’ अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए बड़ा कदम

RBI repo rate cut: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपनी महत्वपूर्ण रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए इसे 5.25% कर दिया। यह कदम ऐसे समय आया है जब वैश्विक दबाव, अमेरिकी टैरिफ़ और कमजोर होती मुद्रा के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था संतुलन तलाश रही है।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसे भारत की ‘रेयर गोल्डीलॉक्स’ अर्थव्यवस्था का दौर बताया—जहाँ महंगाई तेजी से गिरी है और विकास मजबूत बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में विकास को सहारा देने के लिए नीति दरों में नरमी जरूरी है


🔍 तेजी से गिरती महंगाई ने खोला रास्ता

RBI repo rate cut: मल्होत्रा ने बताया कि अक्टूबर से अब तक भारत में तेज़ डिसइंफ्लेशन देखने को मिला है। खुदरा महंगाई 0.25% के ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुँच चुकी है, जो RBI के दायरे के निचले स्तर से भी नीचे है।

महंगाई के शांत रहने के अनुमान के कारण विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में एक और 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती संभव है। मुंबई स्थित एलारा सिक्योरिटीज की अर्थशास्त्री गरिमा कपूर का कहना है, “अर्थव्यवस्था में ओवरहीटिंग के कोई संकेत नहीं हैं। आगे और कटौती का पूरा अवसर है।”


💰 बैंकिंग सिस्टम में ₹1 लाख करोड़ की लिक्विडिटी

RBI repo rate cut: रेपो रेट कटौती के साथ ही RBI ने 1 ट्रिलियन रुपए के ओपन मार्केट ऑपरेशन्स (OMOs) और 5 बिलियन डॉलर के फ़ॉरेक्स स्वैप का भी ऐलान किया।

इन कदमों से:

  • बैंकों में नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी
  • सस्ते ऋण का रास्ता साफ होगा
  • उद्योगों को निवेश बढ़ाने में सहायता मिलेगी

बॉन्ड मार्केट ने इस घोषणा का तुरंत असर दिखाया और 10-वर्षीय सरकारी बॉन्ड यील्ड कुछ समय के लिए 5 बेसिस प्वाइंट तक नीचे गया।


📉 रुपया कमजोर, लेकिन चिंताजनक नहीं

RBI repo rate cut: अमेरिकी टैरिफ़ और बढ़ते व्यापार घाटे के कारण भारतीय रुपया ऐतिहासिक निम्न स्तर पर है।
इसके बावजूद, RBI गवर्नर ने कहा कि भारत की बाहरी स्थिति मजबूत और स्थिर है।

भारत के पास $686.2 बिलियन का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो 11 महीने से अधिक का आयात कवर देता है—जिसे मल्होत्रा ने “कंफर्टेबल” कहा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि RBI केवल अत्यधिक अस्थिरता को रोकने के लिए ही हस्तक्षेप करेगा।


📈 GDP अनुमान बढ़ा, अर्थव्यवस्था में स्थिरता

RBI repo rate cut: RBI ने इस वित्तीय वर्ष के लिए भारत की GDP वृद्धि का अनुमान 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है।
हालांकि अमेरिकी आयात शुल्क के कारण निर्यात आधारित क्षेत्रों पर दबाव बढ़ेगा, फिर भी घरेलू मांग ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखा है।


🧭 अगला कदम क्या हो सकता है?

RBI repo rate cut: कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज के अनुसार:
“यदि महंगाई इसी तरह निचले स्तर पर बनी रही, तो RBI 5% की टर्मिनल दर तक पहुँच सकता है, जिसके बाद लंबे समय तक स्थिरता रहेगी।”

RBI का यह कदम स्पष्ट करता है कि आने वाला महीना कर्ज, EMI, निवेश और बाजारों के लिए राहत भरा हो सकता है।

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