डॉलर के मुकाबले ₹90 पार, विदेशी निवेश घटा; अडाणी समूह का 15 अरब डॉलर एयरपोर्ट विस्तार प्लान तेज

Rupee Record Low India। भारतीय रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 90 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है। इसके साथ ही रुपये ने एशिया में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली मुद्रा का दर्जा भी हासिल कर लिया है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा और आज होने वाली RBI की ब्याज दर घोषणा के बीच बाजार की नजरें दो बड़े घटनाक्रमों पर टिकी हैं, लेकिन रुपये की कमजोरी ने इन सब पर छाया डाल दी है।


₹90 पर पहुंचा रुपया — क्यों बढ़ी चिंता?

Rupee Record Low India: रुपया पूरे साल लगातार फिसलता रहा और अब यह 5% से अधिक कमजोर हो चुका है।
सबसे बड़ी वजह है—

  • भारतीय शेयर बाजार का कमजोर प्रदर्शन
  • MSCI India Index की डॉलर रिटर्न मात्र 2.5%,
  • जबकि उभरते बाजारों के इंडेक्स की रिटर्न 27.7% रही।

इस अंतर के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 16 अरब डॉलर भारत से बाहर ले जा चुके हैं


निर्यातकों को थोड़ी राहत, लेकिन आम लोगों पर असर

Rupee Record Low India: कमजोर रुपये से निर्यातकों को कुछ फायदा जरूर होगा, लेकिन नुकसान ज्यादा है—

  • ईंधन आयात महंगा
  • एयरलाइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो सेक्टर की लागत बढ़ेगी
  • विदेशी शिक्षा और विदेश यात्रा और महंगी
  • विदेशी कर्ज का ब्याज बोझ बढ़ेगा

अक्टूबर माह में मर्चेंडाइज ट्रेड गैप रिकॉर्ड $41.7 अरब था, जिससे चिंताएँ और गहरी हो गई हैं।


सरकार की प्रतिक्रिया—“घबराने की जरूरत नहीं”

Rupee Record Low India: भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने कहा कि वे रुपये की गिरावट को लेकर चिंतित नहीं हैं, क्योंकि GDP ग्रोथ और कम महंगाई राहत दे रहे हैं।

हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि RBI की अब तक की इंटरवेंशन “अनियमित” रही है और नीति का स्पष्ट रोडमैप ज़रूरी है।


RBI की बैठक—आज क्या कहेंगे गवर्नर?

आज बाजार सबसे ज्यादा केंद्रीय बैंक के बयान पर नजर टिकाए बैठा है।
ब्याज दरों का रुख महत्वपूर्ण होगा ही, लेकिन इस बार RBI रुपये की रक्षा के लिए क्या कदम उठाएगा, यह ज्यादा अहम है।


✈ अडाणी समूह का 15 अरब डॉलर एयरपोर्ट विस्तार—कमजोर रुपये के बीच बड़ा दांव

Rupee Record Low India: रुपये की गिरावट और निवेशक अनिश्चितता के माहौल में अडाणी समूह ने अपने एयरपोर्ट बिजनेस में 15 अरब डॉलर निवेश का बड़ा प्लान प्रस्तुत किया है।
इसके तहत—

  • अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर जैसे शहरों में क्षमता विस्तार
  • मुंबई के नए हवाईअड्डे में दूसरा रनवे जोड़ने का प्रस्ताव
  • यह अडाणी का देश का आठवां हवाईअड्डा होगा

हाल ही में समूह ने $90 मिलियन में Flight Simulation Technique Centre खरीदा है, जिससे पायलट ट्रेनिंग और एविएशन सेवाओं में उसका दायरा और बढ़ेगा।


भारत का उभरता एविएशन सेक्टर

Rupee Record Low India: सरकार का अनुमान है कि 2030 तक भारत में यात्रियों की संख्या 300 मिलियन हो जाएगी—यानी लगभग दोगुनी।
इसी बढ़ती मांग के कारण—

  • इंडिगो ने 900 विमानों का ऑर्डर दिया है
  • निजी कंपनियाँ पायलट ट्रेनिंग में बड़े निवेश कर रही हैं

ऐसे माहौल में अडाणी का आक्रामक विस्तार स्वाभाविक माना जा रहा है।


फंडिंग कैसे होगी?

रिपोर्ट्स के अनुसार 15 अरब डॉलर का अधिकांश हिस्सा कर्ज (Debt) से आएगा।
बीते वर्षों में—

  • हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोप
  • अमेरिकी जांच

ने विदेशी कर्ज जुटाने की प्रक्रिया धीमी कर दी थी, हालांकि अब बाज़ार में कंपनी का विश्वास लौट रहा है।


एक तरफ Rupee Record Low India अर्थव्यवस्था की चिंताओं को गहरा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ अडाणी समूह का एयरपोर्ट विस्तार भारत के विकास की महत्वाकांक्षी तस्वीर पेश करता है।
आज आने वाले RBI के बयान से यह साफ होगा कि देश आर्थिक दबावों का सामना कैसे करेगा।

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