कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की एक भावुक करने वाली घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है। Kanker girl returns after 13 years—यह कहानी केवल संयोग नहीं, बल्कि सरकारी SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया का अद्भुत परिणाम है।
13 साल पहले घर से लापता हुई सुनीता यादव अचानक अपने माता-पिता के सामने पहुंच गई। परिवार उसे देखकर फूट-फूटकर रो पड़ा, और सुनीता भी अपने आंसू रोक नहीं पाई।
शराबी पिता की पिटाई से डरकर 14 साल की उम्र में छोड़ा था घर
Kanker girl returns after 13 years: सुनीता जब सिर्फ 14 साल की थी, तब उसके पिता शराब पीकर उसकी पिटाई करते थे।
डर और तनाव से टूटकर वह 2012 में घर छोड़ भाग गई।
वह रायपुर पहुंची, जहाँ एक बुजुर्ग महिला ने उसे आसरा दिया।
सुनीता कहती है—
“उन्होंने मुझे अपनी बेटी की तरह रखा और शादी कराने का वादा किया। 2019 में उनकी मौत के बाद मैं बिल्कुल अकेली हो गई।”
इसके बावजूद वह घर लौटने का साहस नहीं जुटा सकी, क्योंकि उसे अपने माता-पिता की प्रतिक्रिया का डर था।
SIR प्रक्रिया के लिए चाहिए थे डॉक्युमेंट, 13 साल बाद घर जाना पड़ा
Kanker girl returns after 13 years: हाल ही में SIR प्रक्रिया के तहत पहचान पत्र अपडेट करने के लिए सुनीता से माता-पिता से जुड़े दस्तावेज मांगे गए।
लेकिन सुनीता के पास कुछ भी नहीं था।
इस वजह से उसे मजबूर होकर 13 साल बाद अपने घर लौटना पड़ा।
वह कहती है—
“अगर SIR में ये दस्तावेज जरूरी नहीं होते, तो शायद मैं घर कभी नहीं लौट पाती।”
घर पहुंचते ही उसकी मां उसे गले लगाकर रो पड़ीं। पिता ने भी अपनी गलती स्वीकार की। अब घर का माहौल पहले जैसा कड़वा नहीं, बल्कि बहुत शांत है।
“अब नियमित रूप से घर आऊंगी” — सुनीता
Kanker girl returns after 13 years: सुनीता ने बताया कि वह केशकाल अब नियमित रूप से आएगी।
SIR प्रक्रिया ने न केवल उसकी पहचान बहाल की, बल्कि उसके जीवन की सबसे बड़ी खाली जगह—परिवार—को फिर जोड़ दिया।
13 साल पुरानी मिसिंग रिपोर्ट अब भी दर्ज थी
केशकाल थाना प्रभारी (SHO) ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि:
- 2012 में लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी
- पुलिस लगातार उसकी तलाश में थी
- सुनीता के घर लौटने पर पता चला कि रिपोर्ट अभी भी दर्ज है
सुनीता खुद पुलिस स्टेशन पहुंची और अपना बयान दर्ज कराया।
SIR प्रक्रिया ने बदली ज़िंदगी
इस घटना ने साबित किया कि सरकारी दस्तावेजों की प्रक्रिया कभी-कभी लोगों की किस्मत भी बदल देती है।
Kanker girl returns after 13 years जैसी घटनाएं कम ही देखने को मिलती हैं, लेकिन यह कहानी दिखाती है कि उम्मीद कभी खत्म नहीं होती।
