Chhattisgarh Raj Bhavan renamed Lok Bhavan रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्यपाल के सरकारी आवास राजभवन का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ कर दिया है। यह परिवर्तन न सिर्फ प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि इसे केंद्र सरकार की उस पहल से भी जोड़ा जा रहा है, जिसमें सरकारी भवनों के नामों को अधिक जन-केंद्रित और सहज बनाने की सिफारिश की गई थी।
यह बदलाव Chhattisgarh Raj Bhavan renamed Lok Bhavan निर्देशों के अनुरूप लागू किया गया है।
निर्देश आए थे 2024 के राज्यपाल सम्मेलन से
Chhattisgarh Raj Bhavan renamed Lok Bhavan: जारी अधिसूचना के अनुसार, यह निर्णय 2024 में हुए राज्यपालों के सम्मेलन की सिफारिश और गृह मंत्रालय के पत्र के आधार पर लिया गया। राज्यपाल सचिवालय को केंद्र से आधिकारिक पत्र मिला, जिसमें राजभवन का नाम बदलने के लिए स्पष्ट निर्देश थे।
राज्यपाल के सचिव सी. आर. प्रसन्ना ने बताया कि अधिसूचना को औपचारिक रूप से गृह मंत्रालय, नई दिल्ली भेज दिया गया है। इससे आगे की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
अब सभी सरकारी पत्राचार में ‘लोक भवन’ नाम का उपयोग
निर्देश मिलने के बाद राज्यपाल सचिवालय ने समूचे प्रशासनिक तंत्र को आदेश जारी किया कि सभी सरकारी दस्तावेज, रिकॉर्ड, पत्राचार और संचार में ‘लोक भवन’ नाम का ही उपयोग किया जाए।
इस आदेश की प्रतियां—
- राष्ट्रपति सचिवालय
- प्रधानमंत्री कार्यालय
- केंद्रीय गृह मंत्री कार्यालय
- छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव
- सभी विभागों
- सभी जिला कलेक्टरों
को भेजी गई हैं, ताकि राज्य भर में नाम परिवर्तन का समान रूप से पालन हो सके।
नाम बदलने के पीछे भावार्थ
Chhattisgarh Raj Bhavan renamed Lok Bhavan: कई अधिकारियों का मानना है कि ‘लोक भवन’ नाम अपनाने का उद्देश्य जनसरोकारों से जुड़ाव बढ़ाना है। यह नाम अधिक समावेशी, सरल और जनता से आत्मीयता जोड़ने वाला माना जा रहा है।
इस बदलाव के बाद यह विषय सोशल मीडिया पर भी चर्चा में रहा। कई लोग इसे प्रशासनिक पारदर्शिता और आधुनिक शासन व्यवस्था की दिशा में एक सकारात्मक कदम बता रहे हैं।
