Bal Sudhar Grih Escape: दुर्ग(मोरज देशमुख)। पुलगांव स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में सुरक्षा की खामियां एक बार फिर उजागर हो गईं। 28 नवंबर की रात यहां से 7 अपचारी नाबालिग बच्चे फरार हो गए। घटना सामने आते ही पुलिस में हड़कंप मच गया और रात में ही खोजबीन शुरू कर दी गई। यह Bal Sudhar Grih Escape का 26 दिन में दूसरा मामला है, जिसने पूरे सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
चार बच्चे मिले, तीन अब भी लापता
Bal Sudhar Grih Escape: पुलगांव पुलिस ने बताया कि बच्चों के भागने की सूचना मिलते ही टीमें सक्रिय कर दी गईं।
अगले दिन यानी 29 नवंबर की सुबह 4 नाबालिग आसपास के इलाकों से मिल गए, जिन्हें सुरक्षित रूप से दोबारा बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
हालांकि 3 नाबालिग अब भी लापता हैं, और शुरुआती जांच में पता चला है कि वे दुर्ग जिले की सीमा पार कर चुके हैं। उनकी तलाश में पुलिस की कई टीमें जुटी हुई हैं।
सुरक्षा व्यवस्था क्यों फेल हो रही?
Bal Sudhar Grih Escape: जांच में सामने आया कि नाबालिग दीवार फांदकर बाल सुधार गृह के पीछे के हिस्से से बाहर निकल जाते हैं।
यह तरीका पहले भी उपयोग किया गया था।
यही वजह है कि Bal Sudhar Grih Escape लगातार दोहराया जा रहा है।
3 नवंबर को भी इसी केंद्र से 3 नाबालिग बच्चे फरार हुए थे, जिनमें हत्या और लूट जैसे गंभीर अपराधों में शामिल बालक भी थे।
लगातार घटनाओं ने साबित कर दिया है कि न तो सुरक्षा में सुधार हुआ और न ही विभाग ने कोई ठोस कदम उठाया।
विभागीय अधिकारी चुप क्यों हैं?
Bal Sudhar Grih Escape: इस पूरी घटना पर महिला एवं बाल विकास विभाग की चुप्पी और ज्यादा चिंता बढ़ाती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमार जांभुलकर और बाल विकास अधिकारी अजय साहू से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन न उन्होंने फोन उठाया और न कोई प्रतिक्रिया दी।
उनका यह रवैया बच्चों की सुरक्षा, प्रशासनिक जिम्मेदारी और भविष्य की योजनाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
पुलिस की चुनौतियां बढ़ीं
Bal Sudhar Grih Escape: हर बार नाबालिगों के भागने के बाद कई दिनों तक पुलिस को भारी संसाधन और मानवबल लगाकर खोजबीन करनी पड़ती है।
यह न केवल विभाग की लापरवाही दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इस तरह के Bal Sudhar Grih Escape पुलिस के लिए निरंतर चुनौती बनते जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों में भी चिंता
Bal Sudhar Grih Escape: पुलगांव और आसपास के क्षेत्रों में लोगों के बीच भय और चिंता का माहौल है, क्योंकि कई बार इन नाबालिगों में गंभीर अपराधों में शामिल बच्चे भी होते हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था को तुरंत मजबूत किया जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
क्या सुधार होंगे?
लगातार दो घटनाओं के बाद स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारियों पर दबाव है कि बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक तकनीकों और अतिरिक्त स्टाफ की मदद से बेहतर बनाया जाए।
फिलहाल पुलिस लापता बच्चों की तलाश जारी रखे हुए है।
