Chhattisgarh biometric attendance: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता और समयपालन को मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। 1 दिसंबर से मंत्रालय में बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई है। सरकार का मानना है कि यह कदम कामकाज को हाई-टेक बनाने के साथ-साथ जवाबदेही भी बढ़ाएगा।
प्रदेश के दोनों प्रमुख मंत्रालय परिसरों—महानदी भवन और इंद्रावती भवन—में अब सभी अधिकारी और कर्मचारी Chhattisgarh biometric attendance सिस्टम के माध्यम से ही उपस्थिति दर्ज करेंगे।
मुख्य सचिव ने लाइव डेमो देखा था
Chhattisgarh biometric attendance: नवंबर में मुख्य सचिव विकास शील ने आधार-आधारित बायोमेट्रिक सिस्टम (AEBAS) का लाइव प्रदर्शन देखा था। डेमो में फेसियल ऑथेंटिकेशन, आधार-सक्षम डिवाइस और दीवार पर लगाए गए स्मार्ट बायोमेट्रिक सिस्टम शामिल थे। परीक्षण सफल रहा, जिसके बाद इसे मंत्रालय में अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश जारी हुए।
शुरुआत वरिष्ठ अधिकारियों से, जनवरी में सभी संचालनालय जुड़ेंगे
Chhattisgarh biometric attendance: सरकार ने बताया कि प्रारंभिक चरण में यह व्यवस्था अवर सचिव और उससे वरिष्ठ अधिकारियों पर लागू होगी। हालांकि, जनवरी से इसे सभी संचालनालयों में लागू किया जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से इसे जिलों के सरकारी कार्यालयों में भी अनिवार्य किया जाएगा।
इस तरह सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को एक समान और सुदृढ़ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
दो तरीके से मार्क होगी एंट्री और एग्जिट
नए सिस्टम में अधिकारियों व कर्मचारियों को दो विकल्प दिए गए हैं—
1. थम्ब-बेस्ड आधार-सक्षम डिवाइस
मंत्रालय के मुख्य प्रवेश द्वारों पर लगाए गए डिवाइस पर अंगूठा लगाकर इन व आउट दर्ज किया जाएगा।
2. मोबाइल से फेसियल वेरिफिकेशन
स्मार्टफोन पर उपलब्ध फेसियल वेरिफिकेशन ऐप के जरिए कर्मचारी मोबाइल से ही उपस्थिति मार्क कर सकेंगे।
यह सुविधा न केवल तकनीकी सरलता देती है, बल्कि आधुनिक e-governance की दिशा में बड़ा कदम भी है।
पारदर्शिता व समयपालन पर जोर
सरकार का कहना है कि Chhattisgarh biometric attendance सिस्टम लागू होने से विभागों में समयपालन सुनिश्चित होगा, फर्जी उपस्थिति की संभावना खत्म होगी और प्रशासनिक कुशलता बढ़ेगी।
कर्मचारियों का मानना है कि नए सिस्टम से कामकाज अधिक सुव्यवस्थित होगा और विभागीय समन्वय भी बेहतर बनेगा।
