रायपुर, 29 नवंबर 2025//
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में Anjor Vision 2047 education goals को लेकर शिक्षा विभाग की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने वर्ष 2030 तक के लघु अवधि लक्ष्यों, 2035 तक के मध्य अवधि लक्ष्यों और 2047 तक के दीर्घकालिक लक्ष्यों को ठोस रूप देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, “लक्ष्य बड़े हैं, इसलिए कार्ययोजना भी उतनी ही ठोस होनी चाहिए और क्रियान्वयन पूरी ईमानदारी से होना चाहिए।”
विकसित भारत 2047 की दिशा में ‘अंजोर विजन’—शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण आधार
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित विकसित भारत 2047 के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि अंजोर विजन 2047 विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा:
- “बच्चे यदि दक्ष और स्मार्ट होंगे, तभी वे भविष्य की वैश्विक चुनौतियों से मुकाबला कर पाएंगे।”
- “शिक्षकों की संख्या राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।”
बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने समग्र प्रस्तुतीकरण देकर प्रगति और चुनौतियाँ साझा कीं।
शिक्षकों की भूमिका पर जोर—स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और नेतृत्व अवसर बढ़ाने के निर्देश
CM साय ने कहा कि यदि एक शिक्षक पूरी जिम्मेदारी से कार्य करे, तो बच्चों का भविष्य स्वर्णिम बन सकता है।
उन्होंने निर्देश दिए—
- शिक्षकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दें
- प्रतिभाशाली शिक्षकों को नेतृत्व अवसर मिलें
- अकादमिक वातावरण और बेहतर बनाया जाए
उन्होंने आंगनबाड़ी और बालवाड़ी स्तर को मजबूत करने तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वय बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
अंजोर विजन 2047 के प्रमुख लक्ष्य—1000 मॉडल स्कूलों से लेकर AI आधारित मूल्यांकन तक
बैठक में जिन प्रमुख बिंदुओं की समीक्षा हुई, उनमें शामिल हैं:
- 1000 मॉडल स्कूलों की स्थापना
- स्कूल कॉम्प्लेक्स प्रणाली
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्कूलों की शुरुआत
- AI आधारित मूल्यांकन प्रणाली
- व्यक्तिगत पाठ योजना हेतु डिजिटल ऐप
- शिक्षक प्रशिक्षण का उन्नयन
- STEM शिक्षा का विस्तार
CM ने कहा कि साइंस सिटी, विज्ञान मेले और AI–रोबोटिक्स लैब भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
2035 तक ड्रॉपआउट दर शून्य करने का लक्ष्य
बैठक में गंभीरता से चर्चा की गई—
- ड्रॉपआउट दर 2035 तक शून्य
- राज्य स्तरीय ECCE समिति गठन
- नई शिक्षक भर्ती
- मूल्यांकन केंद्रों का आधुनिकीकरण
- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और मजबूती
CM साय ने परीक्षाओं में प्रश्नपत्र निर्माण, मूल्यांकन व्यवस्था और गोपनीय प्रश्नपत्र परिवहन के लिए ट्रैकिंग सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए।
NEP 2020 की उपलब्धियाँ—नामांकन में वृद्धि से लेकर ‘जादुई पिटारा’ तक
बैठक में जो प्रमुख उपलब्धियाँ साझा की गईं, उनमें शामिल हैं:
- NEP 2020 के तहत नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि
- बालवाड़ी को स्कूली शिक्षा से जोड़ना
- मातृभाषा आधारित शिक्षण
- ‘जादुई पिटारा’ और संवाद कार्यक्रम
- PM ई-विद्या के डिजिटल प्रसारण
- व्यावसायिक शिक्षा का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि Anjor Vision 2047 education goals छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी को आत्मनिर्भर, सक्षम और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।
बैठक के प्रमुख सहभागी
बैठक में उपस्थित थे—
- स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव
- मुख्य सचिव विकास शील
- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष रेणु पिल्लै
- मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह
- सचिव राहुल भगत
- शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी
- महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी
- सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रजत कुमार
- तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण
