वाशिंगटन में बुधवार को हुई गोलीबारी ने पूरे अमेरिका को झकझोर दिया। व्हाइट हाउस से कुछ ब्लॉक दूर नेशनल गार्ड के दो जवानों पर हमला हुआ, जिसमें 20 वर्षीय सारा बेकस्ट्रॉम गंभीर रूप से घायल हुई थीं। गुरुवार (स्थानीय समय) को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की कि सारा ने दम तोड़ दिया।
“वो अब हमारे बीच नहीं रहीं”— भावुक हुए ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,
“सारा बेकस्ट्रॉम, एक बहादुर और सम्मानित सैनिक… अब हमारे बीच नहीं रहीं। यह बेहद दुखद दिन है।”
उन्होंने बताया कि दूसरा सैनिक एंड्रयू वोल्फ (24) अभी भी “बहुत नाजुक हालत” में है और “जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है।”
गवर्नर मोरिसी ने भी दी पुष्टि
वेस्ट वर्जीनिया के गवर्नर पैट्रिक मोरिसी ने भी X (पूर्व Twitter) पर सारा की मौत की पुष्टि की।
उन्होंने लिखा—
“यह वह परिणाम नहीं था जिसकी हम उम्मीद कर रहे थे, लेकिन यह वही था जिसका हमें डर था। सारा ने अदम्य साहस और समर्पण के साथ देश की सेवा की।”
गवर्नर के मुताबिक, सारा अपने राज्य और देश के लिए कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुईं।
हमला कैसे हुआ?
घटना 26 नवंबर को हुई जब सारा और एंड्रयू वोल्फ व्हाइट हाउस से करीब दो ब्लॉक दूर नियमित पेट्रोलिंग पर थे।
अचानक एक हमलावर ने उन पर गोलियां चला दीं। यह हमला थैंक्सगिविंग से एक दिन पहले हुआ, जिससे देशभर में भय और आक्रोश फैल गया।
उस समय डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में मौजूद नहीं थे।
हमलावर की हालत भी गंभीर
राष्ट्रपति ट्रंप ने संदिग्ध की हालत पर भी बात की। उन्होंने उसे “राक्षस” (monster) कहते हुए बताया कि उसकी हालत भी गंभीर है।
संदिग्ध की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल (29) के रूप में हुई है, जो अफगान नागरिक है और 2021 में ऑपरेशन एलाइज वेलकम के तहत अमेरिका में प्रवेश किया था।
राजनीतिक गर्माहट भी बढ़ी
ट्रंप ने इस घटना के बहाने बाइडेन प्रशासन पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा—
“यह वही प्रशासन था जिसने ऐसे लोगों को देश में आने दिया। ये बहुत खराब फैसले थे।”
अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने भी संकेत दिया है कि संदिग्ध पर आतंकवाद के आरोप लगाए जा सकते हैं।
“अगर वे देश से प्यार नहीं करते तो हमें उनकी जरूरत नहीं” — ट्रंप
बुधवार रात एक वीडियो संदेश में ट्रंप ने मांग की कि बाइडेन प्रशासन के दौरान आए सभी अफगान शरणार्थियों की पुनः जांच की जाए।
उन्होंने कहा—
“यह हमला पूरे राष्ट्र पर हमला है।”
