दुर्ग/भिलाई। छत्तीसगढ़ में चल रही SIR प्रक्रिया का असर अब ज़मीन पर दिखने लगा है। स्टील सिटी दुर्ग-भिलाई में प्रशासन और पुलिस ने प्रवासी मजदूरों की पहचान व गतिविधियों की जांच को तेज कर दिया है। जिले में कुल 31 संदिग्ध प्रवासी मजदूरों की पहचान करते हुए उनके फिंगरप्रिंट दर्ज किए गए हैं।
यह कार्रवाई सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है।
छावनी क्षेत्र में घर-घर जांच, दस्तावेज़ों की स्कैनिंग
दुर्ग छावनी क्षेत्र में पुलिस टीम ने देवार मोहल्ला, मछली मार्केट और सिकोला भाटा जैसे इलाकों में विशेष अभियान चलाया।
यहां निवासरत लोगों के आधार कार्ड, परिचय पत्र और अन्य दस्तावेज़ों की गहन जांच की गई।
अभियान के दौरान:
- घर-घर जाकर पहचान की पुष्टि
- संदिग्ध लोगों की गतिविधियों की जांच
- लगभग 300 लोगों के दस्तावेज़ों की पड़ताल
- वाहनों की सघन चेकिंग
पुलिस की ओर से बताया गया कि यह अभियान न केवल पहचान सत्यापन के लिए है, बल्कि अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर सख्त निगरानी के मकसद से भी चलाया जा रहा है।
कैसे हुई जांच? पुलिस ने बताया पूरा तरीका
दुर्ग पुलिस ने कई संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की है। इनमें वे लोग शामिल हैं जो—
- अवैध मादक पदार्थों की बिक्री में शामिल
- अवैध हथियार रखने के संदेह में
- अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त
सभी ऐसे लोगों से पूछताछ कर फिंगरप्रिंट लेकर डिटेल डेटा बेस तैयार किया जा रहा है।
जिन 31 संदिग्धों की पहचान की गई है, उन्हें शहर न छोड़ने की सख्त हिदायत दी गई है।
एएसपी दुर्ग पद्मश्री तंवर ने बताया:
“यह कार्रवाई जिले में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत रखने के लिए की जा रही है। आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।”
पहले भी पकड़े जा चुके हैं कई बांग्लादेशी मूल के निवासी
दुर्ग पुलिस ने बताया कि इससे पहले भी जिले में प्रवासी मजदूरों को लेकर कई बड़े अभियान चलाए जा चुके हैं।
इनमें दर्जनों बांग्लादेशी मूल के लोगों को पकड़ा गया था, जो फिलहाल जेल में बंद हैं।
SIR प्रक्रिया के तहत अब यह अभियान और भी तेज किया गया है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।
