अयोध्या के ऐतिहासिक राम मंदिर में आज ध्वजारोहण की पवित्र प्रक्रिया पूरी हुई। मंदिर परिसर में उमड़े लाखों श्रद्धालुओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भावपूर्ण संबोधन किया। उनका स्वर उत्साह, कृतज्ञता और नई उम्मीदों से भरा हुआ था। उन्होंने कहा कि “हमारा बहुत पुराना सपना अब पूरा हुआ है। सदियों पुराने घाव भी अब भरने लगे हैं।”
यह क्षण केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से भी सभी श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
🌼 “समाज ऐसा बने जहां कोई गरीब न हो, कोई पीड़ित न हो”: PM मोदी
ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभी कारीगरों, वास्तुकारों और श्रमवीरों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि यह भगवा ध्वज युगों-युगों तक श्रीराम के आदर्शों को मानवता तक पहुंचाता रहेगा।
उन्होंने आगे कहा—
“हम सभी को मिलकर ऐसा समाज बनाना होगा जहां कोई गरीब न हो, कोई पीड़ित न हो। यही श्रीराम का संदेश है।”
उन्होंने अयोध्या को वह नगरी बताया जहां से प्रभु श्रीराम ने अपना जीवन पथ प्रारंभ किया था। मंदिर में स्थित सप्त मंदिर, निषाद राज का मंदिर, जटायु की मूर्ति, और गिलहरी की स्मृति को उन्होंने बड़े संकल्पों की सिद्धि में छोटे प्रयासों की महत्ता का प्रतीक बताया।
🔶 मोहन भागवत बोले—“राम राज्य का ध्वज आज फिर अयोध्या में फहरा उठा”
ध्वजारोहण समारोह में RSS सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी महत्वपूर्ण संबोधन दिया। उन्होंने भावुक स्वर में कहा—
“आज हम सबके लिए सार्थकता का दिन है। जिन लोगों ने इस यात्रा में अपना सब कुछ न्योछावर किया, उनकी आत्मा आज तृप्त हुई होगी। राम राज्य का ध्वज अयोध्या में फिर फहरा उठा है।”
उन्होंने रघुकुल के प्रतीक ‘कोविदार वृक्ष’ का उल्लेख करते हुए बताया कि यह वृक्ष त्याग, सेवा और सबके लिए छाया बनने की भावना का प्रतिनिधित्व करता है।

🔸 “500 साल बदले, नेतृत्व बदला, लेकिन आस्था नहीं डगमगाई” — CM योगी
कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण ने भी नई ऊर्जा भर दी।
उन्होंने कहा—
“शिखर पर फहराता यह केसरिया ध्वज नए भारत का प्रतीक है। 500 सालों में बहुत कुछ बदला, पर आस्था न झुकी, न रुकी।”
योगी ने यह भी कहा कि जब RSS ने आंदोलन की बागडोर संभाली, तो एक ही आवाज जन-जन में गूंजी—
“रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।”
उनके इस वक्तव्य पर विशाल जनसमूह ने जय श्रीराम के नारों से पूरा परिसर गुंजा दिया।
🌺 यह ध्वजारोहण क्यों है ऐतिहासिक?
- राम मंदिर आंदोलन की लंबी यात्रा का भावपूर्ण समापन
- करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का साकार रूप
- एकता, सामूहिक शक्ति और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक
- मंदिर परिसर में स्थापित नई मूर्तियों और स्मृतियों का आध्यात्मिक संदेश
