दुर्ग में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला आईटी पार्क, 35 कंपनियों से जल्द एमओयू—युवाओं को मिलेगा बड़ा रोजगार अवसर

दुर्ग। छत्तीसगढ़ सरकार ने तकनीकी विकास और औद्योगिक विस्तार को नई दिशा देने के लिए दुर्ग में राज्य का पहला आईटी पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। दुर्ग कलेक्टरेट में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, दुर्ग नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल और आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर राजीव प्रकाश मौजूद रहे। इस ऐतिहासिक पहल को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह है।


एमओयू पर हस्ताक्षर: दुर्ग नगर निगम ने दी भूमि

कार्यक्रम के दौरान दुर्ग नगर निगम और आईआईटी भिलाई के बीच आईटी पार्क निर्माण के लिए महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया गया। नगर निगम ने इस परियोजना के लिए आईआईटी भिलाई को भूमि भी सौंप दी है। यह कदम शहर को तकनीकी हब बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।


35 कंपनियों ने दिखाई रुचि, क्षमता 100 तक कंपनियों की

शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने बताया कि आईटी पार्क की प्रारंभिक तैयारी पूरी हो चुकी है। जल्द ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में 35 कंपनियों के साथ औपचारिक एमओयू किए जाएंगे।
भविष्य में इस पार्क में 100 कंपनियों को रखने की क्षमता होगी, जिससे रोजगार और औद्योगिक विकास में तेजी आएगी।

उन्होंने कहा—

“दुर्ग अब तकनीकी और औद्योगिक विकास का केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है।”


आईआईटी भिलाई की भूमिका: तकनीकी विशेषज्ञता से मिलेगा लाभ

आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर राजीव प्रकाश ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ का पहला आईटी पार्क होगा और लगभग 35 कंपनियां पहले ही रुचि दिखा चुकी हैं
उन्होंने कहा—

“आईआईटी भिलाई अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव से इस पार्क के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।”


युवाओं को मिलेगा रोजगार और स्टार्टअप माहौल

आईटी पार्क बनने के बाद दुर्ग और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं के लिए स्थानीय रोजगार, ट्रेनिंग, इनोवेशन सेंटर और स्टार्टअप के अवसर बढ़ेंगे। अब युवाओं को नौकरी की तलाश में बड़े शहरों का रुख कम करना पड़ेगा।

ग्राम और शहर के छात्र इसे लेकर बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि यह उनके करियर के लिए नए मार्ग खोलने वाला कदम है।


दुर्ग की पहचान होगी और मजबूत

दुर्ग पहले से ही शिक्षा के प्रमुख केंद्र के रूप में जाना जाता है। आईटी पार्क के बनने से यहां का औद्योगिक, तकनीकी और शैक्षणिक वातावरण और भी मजबूत होगा, जिससे दुर्ग की पहचान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर और सशक्त होगी।

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