ACB–EOW की बड़ी कार्रवाई: 18 ठिकानों पर छापेमारी से सियासत गरम, भूपेश बघेल के आरोपों पर CM साय का जवाब

ACB EOW raid in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई को लेकर सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। रविवार सुबह ACB और EOW की संयुक्त टीमों ने DMF और आबकारी घोटाले से जुड़े मामलों में राज्यभर में 18 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसके बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।

धमतरी दौरे पर बोले भूपेश बघेल—‘यह वसूली का कार्यक्रम चल रहा है’

धमतरी में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि—

  • “ACB और EOW लोगों को डराने-धमकाने और पैसा वसूलने का कार्यक्रम चला रहे हैं।”
  • “फर्जी तरीके से लोगों को फंसाया जा रहा है।”
  • “ये एजेंसियां बीजेपी नेताओं या उनके व्यापारियों के यहां नहीं जातीं, वे सिर्फ वसूली की तलाश में घूम रही हैं।”

बघेल के इन आरोपों ने पूरे राजनीतिक माहौल को गरमा दिया।

CM विष्णुदेव साय का जवाब—‘सरकार की नीति साफ है, जीरो टॉलरेंस’

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भूपेश बघेल के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा:

  • “हमारी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।”
  • “दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किसी दबाव में नहीं, बल्कि कानून के मुताबिक की जा रही है।”

साय ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई राजनीतिक नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए है।


कहाँ-कहाँ हुई छापेमारी?

EOW–ACB की टीम ने जिन स्थानों पर दबिश दी, उनमें शामिल हैं—

  • रायपुर
  • बिलासपुर
  • अंबिकापुर
  • कोंडागांव
  • एवं अन्य शहरों के कई कारोबारी और अधिकारियों के ठिकाने

यह छापेमारी DMF घोटाले और आबकारी (शराब) घोटाले की कड़ियों की जांच के लिए की गई।


DMF मामले में हरपाल सिंह अरोड़ा के नेटवर्क पर कार्रवाई

छापेमारी के दौरान सबसे ज्यादा ध्यान हरपाल सिंह अरोड़ा के नेटवर्क पर था।
EOW ने रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा समेत 11 स्थानों पर दबिश देकर—

  • संदिग्ध दस्तावेज
  • डिजिटल रिकॉर्ड
  • मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क
  • लेनदेन से जुड़े डेटा

जब्त किए हैं।

अधिकारियों का कहना है कि ये दस्तावेज आगे की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


शराब घोटाले से जुड़े आरोपियों के ठिकानों पर भी छापे

सबसे चर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद आरोपियों—

  • अनिल टुटेजा,
  • निरंजन दास

के परिजनों और परिचितों के 8 ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई।
यहाँ से भी कई अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं।


सियासी तूफान, लेकिन जांच आगे बढ़ती हुई

जहाँ कांग्रेस इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बता रही है, वहीं बीजेपी इसे भ्रष्टाचार पर निर्णायक प्रहार कह रही है।
लेकिन छापे से जुड़े दस्तावेजों की जांच जारी है और आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे की संभावना जताई जा रही है।

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