जोहान्सबर्ग, 22 नवंबर 2025/ दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित G20 लीडर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की। पीएम मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ से मुलाकात कर ऑस्ट्रेलिया–कनाडा–इंडिया टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन (ACITI) साझेदारी की शुरुआत की। इस साझेदारी का उद्देश्य तकनीक, नवाचार और आपूर्ति श्रृंखला में सहयोग को नए आयाम देना है।
ACITI साझेदारी—तीन महाद्वीपों का तकनीकी सेतु
पीएम मोदी ने X पर लिखा, “ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और भारत के बीच ACITI साझेदारी का शुभारंभ करके हम प्रसन्न हैं। यह पहल उभरती तकनीकों, स्वच्छ ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण और AI के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देगी।”
उन्होंने कहा कि तीन महाद्वीपों और तीन महासागरों के लोकतांत्रिक साझेदारों के बीच यह सहयोग आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सशक्त बनाएगा।
ब्रिटेन व UN प्रमुख से भी सार्थक वार्ता
समिट के दौरान पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, “भारत–यूके साझेदारी में इस वर्ष नई ऊर्जा आई है। हम इसे कई क्षेत्रों में आगे बढ़ाएंगे।”
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ भी अत्यंत रचनात्मक वार्ता की। पीएम मोदी ने बातचीत को “बहुत उत्पादक” बताया।
ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला से मुलाकात—व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर
पीएम मोदी ने ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से भी मुलाकात की और कहा कि भारत और ब्राज़ील जनहित के लिए व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेंगे।

G20 के उद्घाटन सत्र में PM मोदी के बड़े प्रस्ताव
G20 Leaders’ Meeting के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी ने वैश्विक विकास की मौजूदा परिभाषाओं पर गहन पुनर्विचार की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विकास ऐसा होना चाहिए जो समावेशी, संतुलित और सतत हो।
ड्रग-टेरर नेक्सस के खिलाफ वैश्विक पहल का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी, विशेषकर फेंटानिल जैसे खतरनाक पदार्थों के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत G20 Initiative on Countering the Drug–Terror Nexus की स्थापना का प्रस्ताव रखता है।
उन्होंने कहा, “हमें ड्रग-टेरर अर्थव्यवस्था को कमजोर करना ही होगा।”
विश्व स्तर पर पारंपरिक ज्ञान का भंडार बनाने का सुझाव
पीएम मोदी ने G20 Global Traditional Knowledge Repository बनाने का भी प्रस्ताव दिया।
उनके शब्दों में, “भारत की समृद्ध पारंपरिक ज्ञान परंपरा दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सद्भाव की राह दिखा सकती है।”
उन्होंने कहा कि यह भंडार भविष्य की पीढ़ियों के लिए सामूहिक ज्ञान और स्वास्थ्य-संबंधी परंपराओं को संरक्षित करेगा।
