अंबिकापुर, 20 नवंबर 2025 — जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन में President Murmu Tribal Pride Day Speech के दौरान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं—‘आदि कर्मयोगी अभियान’, ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ और ‘प्रधानमंत्री जनमन अभियान’—को देश के आदिवासी समाज के लिए परिवर्तनकारी बताया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और विकास के नए द्वार खोल रही हैं।
उनका संबोधन सभागार में उपस्थित हजारों लोगों के लिए प्रेरणा से भरपूर रहा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज भारतीय संस्कृति की आत्मा है और उसके हर पहलू में लोकतंत्र की गहरी जड़ें दिखाई देती हैं।
“भारत लोकतंत्र की जननी है”—राष्ट्रपति का भावपूर्ण संबोधन
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने भाषण में बस्तर की मुरिया दरबार जैसी पुरानी जनजातीय परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की लोकतांत्रिक सोच सदियों से समाज के मूल में रही है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति भवन में स्थापित ‘जनजातीय दर्पण’ संग्रहालय में देश की आदिवासी कला और परंपरा को विशेष स्थान दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा
- जनजातीय गौरव पखवाड़ा मनाने,
- जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय विकसित करने,
- और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन
के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सराहना की।
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में हुए “आदि कर्मयोगी राष्ट्रीय सम्मेलन” में छत्तीसगढ़ के आदिवासी विकास विभाग को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
राज्यपाल रमेन डेका ने दिए प्रेरक संदेश
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस न केवल इतिहास का स्मरण है, बल्कि अपनी पहचान पर गर्व करने का अवसर भी है।
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए ‘उलगुलान’ आंदोलन की महत्ता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ के महान जननायकों—
शहीद वीर नारायण सिंह,
कंगला मांझी,
राजा गेंद सिंह,
वीर सीताराम कंवर
जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विकास कार्यों की जानकारी दी
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राष्ट्रपति का कार्यक्रम में शामिल होना प्रदेश के लिए सम्मान की बात है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 2,365 बसाहटों में तेज़ी से काम हो रहा है, जबकि ‘धरती आबा अभियान’ से 6,691 गांवों में विकास कार्यों का लाभ पहुँच रहा है।
मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं—
- तेंदूपत्ता संग्राहक राशि 4,000 से बढ़ाकर 5,500 रुपये,
- चरण पादुका वितरण पुनः शुरू,
- नक्सलवाद मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य।
उन्होंने कहा कि पुनर्वास नीति से कई लोग मुख्यधारा में लौट रहे हैं, और आदिवासी क्षेत्रों में विकास का उजाला पहुँच चुका है।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने बिरसा मुंडा की विरासत पर बात की
केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके ने कहा कि बिरसा मुंडा सिर्फ झारखंड नहीं, पूरे राष्ट्र के नायक हैं।
उन्होंने बताया कि देशभर में जनजातीय महापुरुषों के जन्मस्थलों पर स्मारक बनाए जा रहे हैं, ताकि उनकी प्रेरणा पीढ़ियों तक बनी रहे।
आदिवासी कला की विविधता को मिला सम्मान
समारोह के दौरान राष्ट्रपति मुर्मु ने—
- कोंडागांव की लिंगो गोटूल मांदरी नाचा पार्टी,
- और कांसाबेल की जय माता दी करमा नृत्य पार्टी
को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को बिरसा मुंडा के साहस से संबंधित स्मृति चिन्ह भेंट किया, जबकि राज्यपाल ने भित्ती चित्रकला से जुड़ा उपहार सौंपा।
