उत्तर प्रदेश के मेरठ में मंगलवार को एक भावनात्मक और चौंकाने वाला दृश्य सामने आया। Meerut Farmer Cries Before SDM Diksha Joshi घटना ने तहसील परिसर में मौजूद हर व्यक्ति को स्तब्ध कर दिया। जमीन विवाद से परेशान किसान राजीव अचानक जमीन पर बैठ गया और फूट-फूटकर रोने लगा। इसके बाद वह SDM सदर डॉ. दीक्षा जोशी के पैर पकड़कर न्याय की गुहार लगाने लगा।
जमीन बंटवारे के विवाद में किसान ने लगाए गंभीर आरोप
राजीव, जो थाना सरूरपुर क्षेत्र के गांव कालीना का निवासी है, पिछले कई वर्षों से अपने पिता रविंद्र सिंह और सत्येंद्र सिंह के साथ भूमि बंटवारे के मामले में उलझा हुआ है। किसान का दावा है कि 2020 में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट संदीप भागिया ने उसके पक्ष में निर्णय दिया था। लेकिन अपील के बाद वह फैसला निरस्त हो गया। अब केस SDM सदर दीक्षा जोशी की कोर्ट में चल रहा है।
मंगलवार को लेखपाल सुरेंद्र कुमार अपनी रिपोर्ट लेकर कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने रिपोर्ट को नियमों के अनुरूप माना, लेकिन जैसे ही यह घोषणा हुई, राजीव भावनाओं पर काबू नहीं रख सका।

तहसील परिसर में धरने पर बैठा किसान, स्थिति बिगड़ती देख अधिकारी पहुँचे
रिपोर्ट पेश होते ही राजीव तहसील परिसर में बैठकर रोने लगा। उसने आरोप लगाया कि लेखपाल ने विपक्षी पक्ष को फायदा पहुँचाने के लिए गलत रिपोर्ट लगाई और उससे 10 हजार रुपये की रिश्वत भी मांगी थी। वह पहले भी इस मामले की शिकायत कर चुका था, लेकिन कार्रवाई न होने से नाराज था।
SDM दीक्षा जोशी जब उसे समझाने आईं, तो किसान ने उनके पैर पकड़ लिए। SDM ने तुरंत उसे पानी पिलाया, शांत किया और आश्वासन दिया कि निष्पक्ष सुनवाई होगी और दोनों पक्षों को बराबर का अवसर दिया जाएगा।
राजीव ने विरोध करते हुए कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला, तो उसका “अगला पता श्मशान घाट होगा।” स्थिति बिगड़ती देखकर एडीएम सिटी बृजेश सिंह और फिर एडीएम एफआर सूर्यकांत त्रिपाठी मौके पर पहुँचे। दोनों अधिकारियों ने किसान को भरोसा दिलाया कि उसकी शिकायत की जांच की जाएगी।

SDM ने दी सफाई: प्रक्रिया का पालन जरूरी
SDM दीक्षा जोशी ने कहा कि किसान जल्द फैसला चाहता था, जबकि प्रक्रिया के अनुसार दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही निर्णय लिया जाता है। उन्होंने राजीव को समझाकर घर भेजा और न्याय का भरोसा दिया।
तहसील परिसर में मौजूद लोगों ने बताया कि किसान की बेबसी ने सभी को भावुक कर दिया, लेकिन अधिकारियों ने स्थिति संभाल ली।
