रायपुर। Chhattisgarh school wrong spelling incident एक बार फिर राज्य की सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के कोगवार गांव के प्राथमिक स्कूल में एक शिक्षक द्वारा बच्चों को गलत अंग्रेज़ी स्पेलिंग पढ़ाने का मामला सामने आया है। यह वीडियो वायरल होने के बाद विभाग ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है।
वीडियो में खुली शिक्षण गुणवत्ता की पोल
कोगवार प्राथमिक स्कूल की कक्षा से सामने आया वीडियो चौंकाने वाला है। ब्लैकबोर्ड पर शिक्षक ने “Sunday” की जगह “Sanday”, “Wednesday” की जगह “Wensday” लिखा।
शरीर के अंग पढ़ाते समय यह गलती और बढ़ गई—
- Nose की जगह “Noge”
- Ear की जगह “Eare”
- Eye की जगह “Iey”
बच्चे मासूमियत से वही गलत स्पेलिंग अपनी कॉपियों में लिखते रहे। यह दृश्य देखकर स्थानीय लोग भी हैरान रह गए।
स्कूल के बच्चों ने खुद बताई आपबीती
कोगवार के प्राथमिक स्कूल में कुल 42 बच्चे पढ़ते हैं और सरकार ने दो शिक्षक नियुक्त किए हैं। गांव के लोगों और बच्चों का कहना है कि एक शिक्षक कमलेश पांडे, अक्सर स्कूल में शराब के नशे में पहुंचता है और कक्षा में ही सो जाता है।
दूसरा शिक्षक बच्चों को गलत स्पेलिंग पढ़ा रहा था, जिसका वीडियो सामने आया।

शिकायतें हुईं लेकिन कार्रवाई नहीं
गांव वालों का कहना है कि वे कई बार पंचायत और शिक्षा विभाग को शिकायत दे चुके थे, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। बच्चे भी अपनी समस्या बताने की कोशिश करते रहे, पर उनका दर्द अनसुना रहा।
यह घटना राज्य में निगरानी व्यवस्था की गंभीर विफलता को उजागर करती है। सरकार हर साल अंग्रेज़ी शिक्षण के प्रशिक्षण पर लाखों रुपए खर्च करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे उलट दिखती है।
CAC प्रणाली पर भी उठे सवाल
शिक्षण गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्लस्टर स्तर पर CAC (Cluster Academic Coordinators) तैनात किए जाते हैं। पर वाड्रफनगर का यह मामला स्पष्ट करता है कि यह प्रणाली पूरी तरह निष्क्रिय है।
स्मार्ट क्लास और डिजिटल लर्निंग जैसे बड़े दावे करने वाली व्यवस्था में जब शिक्षक ही बुनियादी स्पेलिंग नहीं जानते, तो बच्चों के भविष्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
विभाग ने की कार्रवाई, शिक्षक निलंबित
वीडियो वायरल और शिकायतें बढ़ने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने तुरंत जांच की। विभागीय समीक्षा में पाया गया कि शिक्षक अपने दायित्वों में गंभीर लापरवाही कर रहा था।
इसलिए शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और स्कूल में नए शिक्षक की पोस्टिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गांव के लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई देर से सही, लेकिन ज़रूरी थी। अब उन्हें उम्मीद है कि बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी और ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।
