रायपुर, 18 नवंबर 2025
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी ने शुरुआती चार दिनों में ही रफ्तार पकड़ ली है। राज्य के सभी जिलों में बिना किसी व्यवधान के धान खरीदी सुचारू रूप से चल रही है। खेतों से उपार्जन केंद्रों तक किसानों की आवाजाही निरंतर बढ़ रही है और बाजारों में एक सकारात्मक माहौल बन रहा है।
सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल के बावजूद भी Chhattisgarh paddy procurement 2025 पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। किसान केंद्रों में बिना रुकावट अपना धान तौलवा रहे हैं और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संचालित की जा रही है।
प्रतिदिन दो से ढाई लाख क्विंटल धान की आवक
खाद्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में औसतन 2–2.5 लाख क्विंटल धान प्रतिदिन समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है।
17 नवंबर को किसानों से 2,43,831 क्विंटल धान खरीदा गया, जिसमें—
- 1,05,342 क्विंटल मोटा धान
- 71,603 क्विंटल पतला धान
- 66,886 क्विंटल सरना धान शामिल है।
उपार्जन केंद्रों में व्यवस्था इतनी सुचारू है कि किसानों को तौलाई और टोकन में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा। कई किसानों ने बताया कि इस बार खरीदी व्यवस्था “सबसे ज्यादा पारदर्शी और सुविधाजनक” नजर आ रही है।
मुख्यमंत्री की पहल—2739 केंद्रों में आधुनिक सुविधाएं
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप सभी 2739 धान उपार्जन केंद्रों में किसानों की सुविधा के लिए—
- पारदर्शी टोकन प्रणाली,
- इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन,
- नमी मापक यंत्र,
- पर्याप्त बारदाना,
- और सुव्यवस्थित कतार व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
सरकार ने भुगतान व्यवस्था को भी खरीदी प्रक्रिया के समानांतर सक्रिय रखा है। इस वर्ष धान खरीदी हेतु राज्य सरकार ने विपणन संघ को 26,200 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी है, जिससे किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा।

जिलों में खरीदी की विस्तृत स्थिति—बेमेतरा सबसे आगे
17 नवंबर को 725 उपार्जन केंद्रों में किसानों ने धान बेचा। जिलावार प्रमुख खरीदी इस प्रकार रही—
- बेमेतरा – 39,015 क्विंटल (सर्वाधिक)
- राजनांदगांव – 35,162 क्विंटल
- रायपुर – 28,272 क्विंटल
अन्य जिलों में भी खरीदी तेजी से हुई, जिनमें धमतरी (25,227 क्विंटल), बालोद (19,656 क्विंटल), बलौदाबाजार (19,419 क्विंटल) और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (14,322 क्विंटल) जैसे जिले शामिल हैं।
गांव-गांव से मिली रिपोर्टों के अनुसार किसानों को न तो लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और न ही तौलाई में कोई समस्या आ रही है। केंद्रों में व्यवस्था चाक-चौबंद बताई जा रही है और किसान पूरी तरह संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
किसान बोले—“इस बार खरीदी व्यवस्थित और सरल’’
कई किसानों ने बताया कि ऑनलाइन टोकन और इलेक्ट्रॉनिक तौल से उनका समय बच रहा है। बारिश की चिंता भी कम हुई है क्योंकि केंद्रों पर बारदाना और तिरपाल की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
एक किसान ने कहा—
“इस बार खरीदी में कहीं कोई दौड़भाग नहीं है। तौल भी तेजी से हो रही है और भुगतान का भरोसा भी है।”
