नई दिल्ली Al Falah University terror financing: दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए भीषण विस्फोट की जांच में एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को अल फला यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को PMLA के तहत गिरफ्तार किया। यह वही विश्वविद्यालय है, जिसे जांच एजेंसियां Delhi blast terror module का केंद्र मान रही हैं।
इस कार्रवाई ने फोकस की-फ्रेज़ Al Falah University terror financing को जांच का मुख्य आधार बना दिया है।
ED की कार्रवाई: करोड़ों का फंड डाइवर्जन बेनकाब
ED ने बताया कि जांच के दौरान ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे पता चलता है कि ट्रस्ट द्वारा करोड़ों रुपये परिवार की कंपनियों में ट्रांसफर किए गए।
निर्माण कार्य से लेकर कैटरिंग कॉन्ट्रैक्ट तक—कई सौदे जावेद की पत्नी और बच्चों की कंपनियों को दिए गए।
तलाशी में एजेंसी ने
- ₹48 लाख से अधिक नकद,
- कई डिजिटल डिवाइस,
- और भारी मात्रा में दस्तावेज
कब्जे में लिए।
एजेंसी के अनुसार,
“अल-फला ग्रुप से जुड़ी कई शेल कंपनियां मिलीं और विभिन्न कानूनों के उल्लंघन के प्रमाण भी मिले हैं।”
ब्लास्ट कनेक्शन: डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद विश्वविद्यालय पर बढ़ी नजर
Al Falah University terror financing : दिल्ली ब्लास्ट में आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी, जो कश्मीर का निवासी था, अल फला यूनिवर्सिटी से जुड़ा था।
उसकी गिरफ्तारी के बाद विश्वविद्यालय और उससे जुड़े सभी व्यक्तियों पर जांच की आंच तेज हो गई।
Delhi Police Crime Branch की FIR में विश्वविद्यालय पर
- धोखाधड़ी,
- फर्जी मान्यता दस्तावेज,
जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
19 ठिकानों पर छापे, कई राज़ हुए उजागर
ED ने दिल्ली और फरीदाबाद में 19 ठिकानों पर छापेमारी कर एक बड़े वित्तीय नेटवर्क का खुलासा किया, जो संभवतः Al Falah University terror financing में इस्तेमाल हो रहा था।
एजेंसी के मुताबिक,
“1990 के दशक में शुरू हुआ अल-फला समूह तेजी से विशाल शिक्षा संस्थान बन गया, लेकिन वित्तीय रिकॉर्ड इस वृद्धि से मेल नहीं खाते।”
व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल: 2,900 किलो विस्फोटक जब्त
यह गिरफ्तारी उस बड़े अभियान का हिस्सा है जिसमें एजेंसियों ने—
- फरीदाबाद के दो किराए के कमरों से 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किए,
- कई डॉक्टरों और एक मौलवी को हिरासत में लिया,
- और Jaish-e-Mohammed तथा Ansar Ghazwat-ul-Hind जैसे खतरनाक संगठनों से जुड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया।
यह मॉड्यूल जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और यूपी में फैला हुआ बताया जा रहा है।
गिरफ्तारी क्यों है महत्वपूर्ण?
जावेद सिद्दीकी की गिरफ्तारी इस पूरे केस का सबसे अहम मोड़ मानी जा रही है, क्योंकि
- विश्वविद्यालय को मॉड्यूल का प्रमुख केंद्र बताया गया है,
- फंडिंग के रास्ते और शेल कंपनियों का पूरा नेटवर्क उजागर होने की संभावना बढ़ गई है,
- और यह गिरफ्तारी कई उच्च-शिक्षित लोगों से जुड़े इस “व्हाइट कॉलर टेरर” मॉडल को समझने में मदद देगी।
