नई दिल्ली/मॉस्को: भारत और रूस के रणनीतिक रिश्तों में मंगलवार को एक और अहम कदम जुड़ा, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मॉस्को में SCO देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भेंट की। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब दोनों देश दिसंबर में होने वाले 23वें India–Russia Annual Summit की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं।
फोकस की-फ्रेज़ “India Russia Summit preparation” इस पूरी कूटनीतिक गतिविधि का केंद्र बना हुआ है।
जयशंकर-पुतिन मुलाकात: रणनीतिक संवाद में तेजी
जयशंकर ने X (पूर्व Twitter) पर लिखा,
“SCO देशों के प्रमुख प्रतिनिधिमंडलों के साथ राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की।”
मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक परिस्थिति और आगामी समिट से जुड़ी प्रमुख तैयारियों की समीक्षा की गई।
इसके ठीक एक दिन पहले जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सेर्गेई लावrov से लंबी बातचीत की थी। दोनों नेताओं ने भारत-रूस सहयोग को “बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था” की दिशा में महत्वपूर्ण बताया और यूनाइटेड नेशंस, SCO, BRICS और G20 में साझा समन्वय जारी रखने पर सहमति जताई।
नई दिल्ली में पैट्रुशेव की PM मोदी से बैठक
इसी बीच दिल्ली में रूस के शीर्ष सुरक्षा सलाहकार और समुद्री बोर्ड के अध्यक्ष निकोलाई पैट्रुशेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
बैठक में समुद्री सहयोग, रक्षा, आर्थिक साझेदारी और दिसंबर में होने वाले India Russia Summit preparation पर विस्तृत चर्चा हुई।
रूसी दूतावास ने अपने बयान में कहा,
“दोनों देशों ने समुद्री क्षमताओं को मजबूत करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।”
पैट्रुशेव की यह यात्रा पुतिन के भारत दौरे की तैयारियों को लेकर बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
दिसंबर में पुतिन की भारत यात्रा: रिश्तों में नई ऊर्जा की उम्मीद
व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत आते हुए 23वें वार्षिक समिट में हिस्सा लेंगे। उनकी पिछली भारत यात्रा दिसंबर 2021 में हुई थी।
पिछले महीने पीएम मोदी और पुतिन ने फोन पर बात की थी। वार्ता में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय प्रगति की समीक्षा की और मोदी ने पुतिन को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दी थीं। पीएम ने स्पष्ट कहा था कि वे दिसंबर समिट में रूसी राष्ट्रपति का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।
क्षेत्रीय मुद्दों पर भी हुई चर्चा
सितंबर में दोनों नेता SCO समिट (तियानजिन) में मिले थे, जहां उन्होंने Ukraine संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा और भारत-रूस रक्षा सहयोग पर चर्चा की थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा दौर में भारत-रूस संबंध “संतुलित, व्यावहारिक और परस्पर भरोसे” पर आधारित हैं। इसलिए India Russia Summit preparation दोनों देशों की कूटनीतिक प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है।
द्विपक्षीय साझेदारी: पुराने भरोसे की नई मिसाल
भारत और रूस ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार और समुद्री सुरक्षा जैसी कई प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत कर रहे हैं।
आगामी दिसंबर समिट से उम्मीद है कि दोनों देश न केवल मौजूदा समझौतों को विस्तार देंगे, बल्कि नए क्षेत्रों में भी सहयोग की संभावनाओं को आगे बढ़ाएंगे।
जयशंकर और पुतिन की मुलाकात तथा पैट्रुशेव की पीएम मोदी से वार्ता ने साफ संकेत दिया है कि India Russia Summit preparation गति पकड़ चुकी है।
दिसंबर का समिट दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों में नई ऊर्जा भरने वाला साबित हो सकता है।
