बिहार की राजनीति में इस समय एक पुराना वीडियो हलचल मचा रहा है। पूर्वी चंपारण के मधुबन सीट से राजद के पूर्व प्रत्याशी मदन साह का भावुक बयान सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो गया है। लोग इसे उनकी ‘भविष्यवाणी’ बता रहे हैं, क्योंकि चुनाव नतीजों ने उनके कथन को सच साबित कर दिया।
Madan Sah video viral के जरिए पूरा मामला फिर चर्चा में है।
टिकट कटने पर फट पड़ा था गुस्सा, बोले थे—RJD 25 पर सिमट जाएगी
मदन साह टिकट कटने के बाद पटना में राबड़ी देवी के आवास के बाहर फटे कुर्ते में रोते हुए दिखाई दिए थे।
गुस्से और आहत मन से उन्होंने कहा था—
“तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे… और राजद 25 सीटों पर सिमट जाएगी।”
इस वक्तव्य को तब पार्टी की नाराजगी या भावनात्मक प्रतिक्रिया माना गया था।
लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद RJD ठीक 25 सीटों पर रुक गई, और इसके साथ ही यह वीडियो आग की तरह फैल गया।
1990 से समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं मदन साह
नतीजों के बाद मीडिया से बातचीत में मदन साह ने अपनी कहानी बताते हुए कहा कि वे 1990 से RJD के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं।
पिछले कई आंदोलनों में वे पार्टी के साथ खड़े हुए, चोटें भी खाईं, लेकिन संगठन नहीं छोड़ा।
उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव ने उन्हें मधुबन सीट से टिकट देने का वादा किया था, लेकिन आखिरी वक्त हेलिकॉप्टर से लाए गए एक बाहरी चेहरे को टिकट दे दिया गया—जो पार्टी से कभी जुड़ा ही नहीं था।
“दुख में जो कहा, वही सच हो गया”
मदन साह कहते हैं—
“टिकट कटने का दर्द इतना गहरा था कि दुख में जो बात मुंह से निकली, शायद वही सच हो गई। मुझे ठीक-ठीक याद भी नहीं कि मैंने क्या कहा था।”
उनका यह बयान लोगों में सहानुभूति भी जगा रहा है और सियासत पर सवाल भी खड़े कर रहा है।

पैसे लेकर टिकट देने के आरोपों पर बोले—‘ये गलत है’
संजय यादव द्वारा पार्टी तोड़ने और टिकट के लिए पैसे मांगे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में धन का असर नया नहीं है,
लेकिन समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर बाहरी चेहरों को पैसे लेकर टिकट देना गलत है।
उन्होंने दावा किया कि टिकट कटने के बावजूद उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत नहीं की और RJD के लिए काम जारी रखा।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: भविष्यवाणी या संयोग?
लोगों की राय बंटी हुई है—कुछ इसे भविष्यवाणी बता रहे हैं, तो कुछ कहते हैं कि यह महज संयोग है।
हालांकि, इस वायरल वीडियो ने बिहार की राजनीति में जरूर नए सिरे से बहस छेड़ दी है।
निष्कर्ष
Madan Sah video viral इस बात का प्रतीक बन गया है कि राजनीति में भावनाएँ, वादे और नाराज़गी किस तरह चुनावी नतीजों के साथ नई कहानी गढ़ देती हैं।
चुनाव के बाद भी बिहार की सियासत में इस वीडियो का असर लंबे समय तक दिख सकता है।
