श्रीनगर के नौगाम थाने में बड़ा हादसा: विस्फोट में 9 की मौत, 32 घायल; फरिदाबाद टेरर मॉड्यूल केस से जुड़ा था विस्फोटक

श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार देर रात हुआ भीषण विस्फोट पूरे शहर को दहला गया।
अधिकारियों के अनुसार, यह “आकस्मिक विस्फोट” था, जो फरिदाबाद टेरर मॉड्यूल केस से बरामद किए गए विस्फोटक के नमूने निकालते समय हुआ।
इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 32 से अधिक लोग घायल हो गए।

रात करीब 11:20 बजे हुए इस धमाके ने पुलिस स्टेशन की इमारत को बुरी तरह तोड़ दिया, कई वाहन जल गए और आसपास के घरों की खिड़कियाँ भी चकनाचूर हो गईं।
धमाके का असर 2–3 किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया।


🟥 कैसे हुआ नौगाम पुलिस स्टेशन में विस्फोट?

अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट तब हुआ जब फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम फरिदाबाद से बरामद रसायनों और विस्फोटक सामग्री का सैंपल एक्सट्रैक्शन कर रही थी।
यह विस्फोटक सामग्री 360 किलो विस्फोटक के उसी जखीरे का हिस्सा थी, जो कुछ दिन पहले डॉ. मुज़म्मिल गनाई की किराए की जगह से बरामद की गई थी।

DGP नलिन प्रभात ने बताया—

“सैंपलिंग का काम दो दिनों से चल रहा था। सामग्री अस्थिर और अत्यधिक संवेदनशील थी। अत्यधिक सावधानी के बावजूद अचानक एक आकस्मिक विस्फोट हो गया।”


🟦 विस्फोट में शहीद हुए लोग—फर्ज़ पर जान देने वाले

इस हादसे में जान गंवाने वालों में शामिल हैं:

  • FSL के 3 अधिकारी
  • राजस्व विभाग के 2 कर्मचारी, जिनमें एक नायब तहसीलदार
  • 2 पुलिस फ़ोटोग्राफ़र
  • स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का 1 सदस्य
  • 1 दर्जी, जो स्टेशन में मौजूद था

घायलों में 27 पुलिसकर्मी, 2 राजस्व अधिकारी, और 3 नागरिक शामिल हैं।


🟩 राहत कार्य में आई कठिनाई: छोटे-छोटे धमाकों ने रोका बचाव

मुख्य विस्फोट के बाद लगातार छोटे-छोटे विस्फोट होते रहे, जिससे बम निरोधक दस्ते को तुरंत अंदर जाने में मुश्किल हुई।
रात के सन्नाटे में उठी आग की लपटें इलाके में दहशत फैलाती रहीं।


🟨 फरिदाबाद टेरर मॉड्यूल: कैसे पहुँचा 360 किलो विस्फोटक नौगाम?

यह विस्फोट उसी मामले से जुड़ा है जिसमें

  • अमोनियम नाइट्रेट,
  • पोटैशियम नाइट्रेट,
  • सल्फर

जैसे खतरनाक रसायन बरामद किए गए थे।

इस मॉड्यूल की जाँच ने पुलिस को एक लंबे चेन तक पहुंचाया था—
पोस्टर लगाने वाले युवकों से लेकर इमाम बने पूर्व पैरामेडिक, और फिर अल फलाह यूनिवर्सिटी, फरिदाबाद तक, जहाँ से दो डॉक्टर—डॉ. गनाई और डॉ. शाहीन सईद—गिरफ्तार किए गए।

जांच में सामने आया है कि यह पूरा मॉड्यूल तीन डॉक्टरों की कोर टीम चला रही थी, जिसमें

  • डॉ. गनाई,
  • उमर नबी (लाल क़िला कार विस्फोट का चालक),
  • डॉ. मुज़फ़्फ़र राथर (फरार)

शामिल थे।

मामला बेहद संवेदनशील है और कई कड़ियाँ अब भी खुलनी बाकी हैं।


🟫 क्षेत्र में दहशत, इमारतें क्षतिग्रस्त—DGP बोले: “जांच जारी, अफवाहों से बचें”

DGP प्रभात ने दोहराया:

“यह एक आकस्मिक हादसा है। किसी भी तरह की अटकल से बचना चाहिए। नुकसान का आकलन किया जा रहा है.”

नौगाम थाना बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है और आसपास की कई इमारतों पर भी असर पड़ा है।


🟪 एक हादसा, कई सवाल—क्या इस मॉड्यूल की साजिश का दायरा और बड़ा था?

हादसा भले ही आकस्मिक बताया गया हो, लेकिन इसके पीछे छिपी कहानी उस खतरनाक नेटवर्क की ओर इशारा करती है, जो कश्मीर और देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता था।

फोरेंसिक टीमें अब भी जांच में जुटी हैं, और आने वाले दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं।

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