रायपुर, 14 नवंबर। छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले की जांच एक बार फिर नए मोड़ पर पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की लगभग ₹61 करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर दी है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है।
यह कदम न केवल जांच को तेज करता है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा रहा है। चैतन्य बघेल पहले से ही इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
🔶 ED की कार्रवाई: किन-किन संपत्तियों पर लगी कुर्की?
चैतन्य बघेल के वकील सौरभ पांडे ने पुष्टि की कि ED ने करीब ₹61 करोड़ की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की हैं। इसमें—
- आवासीय प्लॉट
- कृषि भूमि
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
शामिल हैं। प्रारंभिक कुर्की 10 नवंबर को की गई।
उनके अनुसार, यह कुर्की फौरी (provisional) है। अगला कदम यह होगा कि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी और फिर तय करेगी कि यह कुर्की स्थायी होगी या नहीं।
उन्होंने स्पष्ट किया—
“अगर ED के दावे सही पाए गए, तभी यह कुर्की पक्की मानी जाएगी। इसके बाद भी ऊपरी अदालतों का रास्ता खुला रहेगा।”
🔶 क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
ED का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों में एक संगठित शराब घोटाला चला, जिसमें—
- सरकारी अफसर
- शराब व्यापारी
- राजनीतिक जुड़े लोग
मिलकर गैर-कानूनी तरीकों से करोड़ों रुपये की कमाई कर रहे थे।
एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले से—
- सरकार के राजस्व को भारी नुकसान हुआ
- अवैध कमाई को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए वैध बनाने की कोशिश हुई
ED के अनुसार, चैतन्य बघेल ने इस गलत कमाई को अलग-अलग संपत्तियों में निवेश किया।
🔶 जांच में क्यों अहम है यह कुर्की?
यह कार्रवाई इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि—
- यह घोटाले की आर्थिक नींव को सीधे निशाना बनाती है
- मामले में जुड़े बड़े राजनीतिक नामों की भूमिका पर सवाल मजबूत होते हैं
- ED की स्टोरी का एक बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष सबूतों से जुड़ने लगता है
इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति में भी नए सियासी समीकरणों की आहट महसूस की जा रही है।
🔶 आगे क्या?
- एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी का फैसला आने के बाद पता चलेगा कि कुर्की स्थिर होगी या नहीं।
- यदि कुर्की अनुमोदित होती है, तो ED आगे की संपत्तियों की जांच भी बढ़ा सकती है।
- बचाव पक्ष अदालत में चुनौती देने की तैयारी में है।
छत्तीसगढ़ में यह घोटाला लंबे समय से सुर्खियों में है, और ED की यह कार्रवाई जांच को एक निर्णायक दिशा देती दिख रही है।
